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Buddy factor in police sector - Sabguru News
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पुलिस अधिकारी का इंट्रोड्क्टरी डायलॉग, ‘सहपाठी विधायक हैं हमारे’

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पुलिस अधिकारी का इंट्रोड्क्टरी डायलॉग, ‘सहपाठी विधायक हैं हमारे’
सहपाठी विधायक हैं हमारे
सहपाठी विधायक हैं हमारे

सिरोही। आम तौर पर ये डायलॉग सोशल मीडिया पर मीम बन गया है कि ‘ चचा विधायक हैं हमारे’। उत्तर प्रदेश और बिहार में दबंगई दिखाने का ये खास डायलॉग है।

फिलहाल ये डायलॉग जिले के आला पुलिस अधिकारी ने अपना रखा है। किसी अधिकारी, नेता या पत्रकार से मिलते हुए इन आला पुलिस अधिकारी महोदय का ये डायलॉग रहता है कि ‘ सहपाठी, विधायक हैं हमारे।’ अब ये कौनसे विधायक के नाम पर अपनी दबंगई दूसरों ओर गांठने की कोशिश में हैं ये तो सहपाठी विधायक ही जानें।

बिल भी विधायक के नाम से फट रहा है

साहेब के विधायक का सहपाठी होने का दावा साहब के बचने का कवच बन रखा है। अब विधायक जी को ये पता हो या न हो, लेकिन उनके कथित सहपाठी के द्वारा किये गए हर सही और गलत कार्य का बिल विधायक जी के नाम से ही फट रहा है।

स्लॉग ओवर में साहब की जो पारी हो रही है उसके चर्चे जिले में अब आम हो चले हैं। साहब प्रवचनकारी की स्थिति ये है कि जैसे उन्होंने रिटायरमेंट के बाद कथावाचन का कार्य शुरू करने का संकल्प धारण कर रखा हो।

हालात विकट

विधायक जी के सहपाठी होने के नाम पर साहेब को एक लाइसेंस मिल गया है। अब वो अपने विभाग में मातहतों को, उनपर दबाव बनाने वाले नेताओं को भी अपने प्रभाव में ले सकते है ।

हालात ये हैं कि उनके विभाग में और जिले में बढ़ते अपराधों के कारण आमजन में भी ये सन्देश जा रहा है कि साहब के हौसले इसी कारण इतने बुलंद हैं। अब भले ही सहपाठी को इस बात की जानकारी हो या ना हो कि उनके सिर्फ साथ पढ़ने के कारण भी कोई इस तरह से फायदा उठा सकता है।