नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को सासंदों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि उनका वेतन हर पांच साल में मुद्रास्फीति के अनुरूप अपने आप बढ़ा दिया जाएगा। लोकसभा में 2018-19 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि वर्तमान प्रणाली, जो सांसदों को उनके वेतन में वृद्धि की सिफारिश के लिए कहती है, की आलोचना हो रही है और उसे बदला जाना चाहिए।
जेटली ने कहा कि सांसदों को मिलने वाली आय-भत्तों को लेकर सार्वजनिक स्तर पर काफी बहस हो रही है। वर्तमान प्रणाली सांसदों को अपनी परिलब्धियां तय करने की अनुमति देती है जिसकी आलोचना हो रही है। इस कारण मैं संसद सदस्यों के वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और देय अन्य खर्च के लिए कुछ जरूरी बदलाव प्रस्तावित कर रहा हूं जो एक अप्रेल 2018 से प्रभावी होगा।
उन्होंने कहा कि यह कानून उनके वेतन को हर पांच साल में मुद्रास्फीति के हिसाब से अपने आप बढ़ा दिया जाएगा।लोकसभा के कुछ सांसदों ने संसद के शीतकालीन सत्र में सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में बढ़ोत्तरी के विधेयक पर बहस के दौरान अपने वेतन में वृद्धि की मांग की थी।
वर्तमान प्रणाली में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों वाली एक संसदीय समिति सांसदों के वेतन और भत्ते के मामले में सिफारिशें करती है और सरकार उस पर उचित फैसला कर संशोधन विधेयक लाती है। इन संशोधित प्रस्तावों को संसद में आम तौर से आम सहमति से मंजूरी मिल जाती है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों के वेतन में वृद्धि
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाकर पांच लाख रुपए, उपराष्ट्रपति का चार लाख रुपए और राज्यों के राज्यपालों का वेतन बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए किया जाएगा।
बजट 2018 : प्रमुख बातें
Budget 2018 : आयकर दरों में कोई राहत नहीं
Budget 2018 : 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए 5 लाख रुपए का हेल्थकवर
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण बढ़कर 75,000 करोड़ रुपए होगा
Budget 2018 : मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत