तेहरान 18 नवबंर :- भारत और ईरान ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद तेहरान में भारत-ईरान के व्यापार को जारी रखने में माध्यमों पर चर्चा की। और उसके कई ऐसे नतीजे निकले जिसे आप आगे पढ़े. भारत के ईरान के लिए राजदूत सौरभ कुमार और ईरान के अधिकारी मसूद खानसारी ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार जारी रखने के माध्यमों की समीक्षा की।
श्री खानसारी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों ने ईरान-भारत संबंधों के लिए नये अवसर पैदा किये हैं। ईरान और भारत को बैंकिंग और वित्तीय सहयोग की प्रणालियों पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। श्री खानसारी ने भारत-ईरान के सहयोग को बढ़ाने में चाबहार बंदरगाह की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “चाबहार बंदरगाह को अब अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मिल गयी है। दोनों देशों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।”
श्री खानसारी ने कहा, “प्रतिबंधों से बहुत सी समस्याएं पैदा होती हैं लेकिन इससे हमारे लिए यह अवसर भी उत्पन्न हुआ है कि हम अभी तक उपेक्षित क्षमताओं और संभावनाओं पर काम करे। तेहरान चैंबर भारत समेत क्षेत्रीय व्यापार साझेदारों के साथ आयात-निर्यात को लेकर अध्ययन कर रहा है।”
भारतीय राजदूत श्री कुमार ने ईरान को 1000 ऐसे उत्पादों की सूची सौंपी जिनका ईरान भारत से आयात कर सकता है। श्री कुमार ने कहा, “सौभाग्य से दोनों देशों का मुद्रा आधारित व्यापार एक स्पष्ट और पारदर्शी प्रणाली है। इसलिए ईरान अपनी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के एक हिस्से के रूप में भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकता है।”
भारतीय राजदूत ने कहा कि अमेरिकी छूट के आधार पर भारत अगले छह महीने तक ईरान से प्रतिदिन 3,00,000 बैरल कच्चे तेल का आयात कर सकता है। इसके बदले में ईरान भारत से प्रतिबंधों से छूट प्राप्त आवश्यक वस्तुओं भोजन, दवा, मानवीय व्यापार वस्तुएं इत्यादि की खरीद कर सकता है।
भारत के ईरान से तेल आयात में खर्च होने वाली आधी राशि भारतीय बैंकों के जरिए रुपये के रूप में ईरान के बैंकों को अदा की जाएगी। शेष आधी राशि का भुगतान यूरो या अन्य विदेशी मुद्रा के रूप में किया जा सकता है। इस रूप में पैसे को भारत से बाहर भेजने के लिए एक प्रणाली विकसित किये जाने की आवश्यकता है।