जयपुर। राजस्थान विधानसभा में तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट ने सोमवार को आखिरकार मूर्त रूप ले लिया। भाजपा से अलग होने के बाद भी संघ की भाषा बोल रहे घनश्याम तिवाडी ने भी बदले घटनाक्रम के तहत समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और हनुमान बेनीवाल के साथ के साथ मिलकर चुनाव लडने का ऐलान कर दिया।
राजनीति के जानकारों की मानें तो अलग पार्टी बनाने और अनुभवी राजनेता होने के बाद भी घनश्याम तिवाडी अपने बूते राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस से लोहा लेने की स्थिति में नहीं हैं। प्रदेश में जगह जगह तिवाडी के दौरों और राजनीतिक सभाओं में अब तक भीड जैसा सैलाब नहीं उमडा, उनसे कहीं भीड हाल ही में अरविंद केजरीवाल की सभा में पहुंची थी।
हालांकि तीसरे मोर्चे की वकालत करने वाले प्रदेश के कई नेता राजनीतिक गुणा भाग लगा कर फैसले ले रहे हैं। यहीं कारण है कि प्रदेश में प्रभावी छोटे दल अभी खुलकर गठबंधन से किनारा किए हुए हैं। आप, बसपा और जमीदारा पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह किसी दल के साथ गठबंधन करने की बजाय अकेले के दम पर चुनावी समर में कूदेंगी।
इस बीच सोमवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर में नागौर के खींवसर से निर्दलीय विधायक अनुमान बेनीवाल ने जिस तरह जयपुर में आयोजित किसान हुंकार रैली में भीड जुटाई उससे साफ हो गया कि वे सत्ता विरोधी अन्य नेताओं व दलों की तुलना में कहीं अधिक भीड जुटाने का माद्दा रखते हैं। जाट समुदाय में बेनीवाल की पकड जग हाजिर है। रैली में दो लाख लोगों से अधिक की भीड जुटाकर उन्होंने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को जता दिया कि वे तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं।
दीगर बात है कि कांग्रेस को छोड सत्ता विरोधी अन्य कोई दल प्रदेश में आयोजित रैलियों में अब तक इतनी संख्या में भीड नहीं जुटा सका। इस रैली में न केवल भारत वाहिनी पार्टी के मुखिया घनश्याम तिवाडी पहुंचे बल्कि राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में डॉ संजय लाठर व यूपी की सपा सरकार में मंत्री रहे डॉ मीराजुद्दीन ने भी उपस्थिति दर्ज कराई।
चुनाव में तीसरे मोर्चे का लट्ठ गडेगा
रैली के तुरंत बाद भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने श्याम नगर स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में डॉ संजय लाठर व सपा सरकार में मंत्री रहे डॉ मीराजुद्दीन की मौजूदगी में दावा किया कि इस बार विधानसभा में तीसरे मोर्चे का लट्ठ गडेगा और भाजपा-कांग्रेस को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे की सरकार बनने के बाद सबसे पहले वंचित वर्ग आरक्षण, युवा रोजगार, कर्ज मुक्त किसान, प्रदेश में चारों तरफ व्याप्त पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान और ढांचागत भ्रष्टाचार की समाप्ति का कार्य किया जाएगा। हालांकि तिवाडी ने यह साफ नहीं किया कि यह गठबंधन किन शर्तो पर किया गया है, सीटों के बंटवारे की स्थिति के बारे में भी अभी तक किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया।
हनुमान बेनीवाल की बीजेपी-कांग्रेस को चुनौती, रैली में जुटाई लाखों की भीड