लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में छह लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 38 पुलिस कर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गए।
सूबे की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को भड़की हिंसा के मद्देनजर सरकार ने अफवाहों पर रोकथाम के लिए एहतियात के तौर पर कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित किया था। इसके बावजूद सम्भल, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बुलंदशहर, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और फिरोजाबाद समेत 12 जिलों में जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतरी भीड़ ने प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ एवं आगजनी की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आज पूरे प्रदेश में जहां पर हिंसा एवं आगजनी की घटना हुई है वहां 38 पुलिस कर्मी घायल हुए है, कुछ के फायर आम्र्स इंजरी भी हुई है, उपद्रवियों ने 24 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया एवं जलाया गया है। असामाजिक तत्वों की फायरिंग एवं तोड़फोड़ में 06 व्यक्तियों की मृत्यु की जानकारी हुई है।
प्रत्येक जिले से इस संबंध में क्षति का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे सभी उपद्रवियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक क्षति की वसूली भी नियमानुसार किये जाने की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में विरोध प्रदर्शन के चलते लखनऊ और बुलंदशहर समेत कई जिलों में शिक्षण संस्थाओं को 22 दिसम्बर तक के लिये बंद कर दिया गया है। सोमवार को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को स्थगित कर दिया गया है। सुरक्षा बलों को उपद्रवियों के साथ सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए है। पुलिस के अनुसार हिंसा प्रभावित जिलों में स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है।
लखनऊ में आज कडे सुरक्षा इंतजाम के बीच टीले वाली मस्जिद और इमामबाड़ा समेत अन्य पूजा स्थलों पर जुमे की नमाज अदा की गयी और जिले में कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। हिंसा को लेकर करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 300 को नजरबंद किया गया है।
फिरोजाबाद के रसूलपुर क्षेत्रों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने की पुलिस चौकी पर आगजनी एवं पथराव किया, इस घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि तीन पुलिसकर्मियों समेत सात लोग घायल हो गए।