जयपुर। सीएए का विरोध यानी देश विरोधी, संविधान विरोधी, धर्मनिरपेक्ष विरोधी, गरीब विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी हैं। ये मानवता के साथ, मजहब के साथ और देश के साथ गद्दारी और द्रोह हैं। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच के सरंक्षक इंद्रेश कुमार ने मंच की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली बाईपास, गलता गेट स्थित अरिहंत वाटिका में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने आगे कहा कि 1947 में जब मजहब के नाम पर पाकिस्तान मांगा तो जो हिंदुस्तानी मुसलमान उस समय पाकिस्तान गए थे, पाकिस्तान ने आज तक उन्हें नागरिकता नहीं दी हैं। वे आज भी शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। उन्हें वोटिंग का अधिकार भी नहीं दिए। जबकि हमने सब शरणार्थियों को वोटिंग अधिकार दिए।
भारत ने सारे विश्व को सभ्य बनाने का कार्य किया हैं। भारत के अनुसार दुनिया के सब लोग भाई बहन हैं, वे किसी भी सभ्यता एवं सम्प्रदाय के हो। दुनिया मे 200 से अधिक देश हैं। सब देश हैं, भारत देश नही हैं। भारत माता हैं। दुनिया मे किसी भी देश के आगे माता नही लगता, भारत के साथ लगता हैं।
भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बताया कि सभी प्रान्तों से आए कार्यकर्ताओ ने कार्यकारिणी बैठक में अपने अपने प्रान्तों का कार्य वृत्त प्रस्तुत किया।
गोयल ने आगे बताया कि इंद्रेश कुमार के संबोधन के पश्चात सी ए ए के समर्थन में इंद्रेश जी के नेतृत्व में पैदल मार्च किया गया जिसमें मंच के कार्यकर्ताओं के साथ, जयपुर के प्रबुद्ध जान और साथ मे भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी व उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा भी साथ चले। पुलिस के भारी जाब्ते ने रैली को सूरजपोल दरवाजे पर रोक दिया। काफी समझाइश के बाद पद यात्रा को वापिस मोड़ लिया गया। पद यात्रा में कार्यकर्ताओ द्वारा सी ए ए का विरोध देश द्रोह हैं आदि नारे लगाए गए।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के अंत मे मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने आगुन्तको का आभार प्रकट किया। मंच की महिला कार्यकर्ताओ द्वारा वंदेमातरम गान के साथ समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह का संचालन मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हेमेंद्र तोमर ने किया।