नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने ‘किराये की कोख’ यानी सरोगेसी का वाणिज्यिक इस्तेमाल रोकने के लिए इसके नियमन संबंधी विधेयक के प्रारूप को बुधवार को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरोगेसी (नियमन) विधेयक, 2019 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी संसद का सत्र चल रहा है और इसलिए विधेयक को संसद में रखने से पहले इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती।
सूत्रों ने बताया कि विधेयक में ‘किराये की कोख’ के वाणिज्यिक इस्तेमाल को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का प्रावधान है। इसमें भ्रूण या अंडाणु की खरीद-बिक्री को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। हालांकि, संतान पैदा करने में अक्षम दंपतियों के लिए नैतिक सरोगेसी की अनुमति होगी। इसके लिए उन्हें कुछ अर्हताओं को पूरा करना होगा।
सूत्रों के अनुसार सिर्फ विवाहित भारतीय दंपतियों को ही ‘किराये की कोख’ का लाभ उठाने की अनुमति होगी। विधेयक में कोख किराये पर देने वाली मां और सरोगेसी से पैदा बच्चे के अधिकारों की रक्षा का भी प्रावधान है।
नियमन और उनका पालन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड बनाने का प्रावधान है। राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में राज्य सरोगेसी बोर्ड बनाए जाएंगे।