नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। भारत-मॉरीशस सीईसीपीए, पहला व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया जा रहा है।
इस समझौते में वस्तुओं के व्यापार, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं, स्वच्छता उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग स्थापित किया जाएगा।
सीईसीपीए दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है। इनमें खाद्य सामग्री, पेय पदार्थ, कृषि, वस्त्र, आधार धातु, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक, रसायन, लकड़ी और इससे बने सामान और अन्य कई उत्पाद शामिल हैं। मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों जिनमें फ्रोज़न मछली, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं।
इसके अलावा पेशेवर सेवाओं जैसे कंप्यूटर से संबंधित सेवाओं, अनुसंधान और विकास, दूरसंचार, निर्माण, वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय, पर्यटन और यात्रा संबंधी, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ जैसे लगभग 115 क्षेत्रों तक यह इस आर्थिक सहयोग से लाभ पहुंचेगा।
दोनों देश समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल के भीतर सीमित संख्या में संवेदनशील उत्पादों के लिए एक स्वचालित सुरक्षा तंत्र (एटीएसएम) पर बातचीत करने के लिए भी सहमत हुए हैं।