नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) विधेयक 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। विधेयक में बच्चों के हितों काे सुनिश्चित करने के लिए बाल संरक्षण व्यवस्था को मजबूत करने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में मामलों के तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने तथा जवाबदेही बढाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट तथा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने का आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
साथ ही जिला मजिस्ट्रेट को कानून के सुचारू क्रियान्यवन का भी अधिकार दिया गया है। सीडब्ल्यूसी सदस्यों की नियुक्ति संबंधी योग्यता मानदंडों को परिभाषित करने की भी बात विधेयक के प्रस्ताव में कही गयी है। कानून के विभिन्न प्रावधानों पर अमल में आने वाली दिक्कतों को भी दूर किया गया है।