नई दिल्ली। त्योहार के सीजन के पहले सरकार ने रेलवे के करीब साढ़े 11 लाख कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी के कारण अति विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद हर साल की तरह रेल सुरक्षा बलों -आरपीएफ/ आरपीएसएफ के कर्मियों को छोड़कर रेलवे के लगभग 11 लाख 56 हजार गैर राजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने का फैसला किया है।
ठाकुर ने कहा कि इससे सरकारी खजाने पर 1984.73 करोड़ रुपए का भार आएगा। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सभी कर्मचारियों को दशहरे के पहले बोनस का भुगतान कर दिया जाएगा।
पात्र गैरराजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा सात हजार रुपए प्रतिमाह है। हरेक पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17 हजार 951 रुपए होगी।
रेलवे के कर्मचारियों के लिए उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) योजना वर्ष 1979-80 में दो मान्यताप्राप्त संघों, अखिल भारतीय रेलवेमैन्स फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन के परामर्श से तथा केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अनुमोदन से तैयार की गई थी।