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केन्द्र सरकार ने इथेनॉल का खरीद मूल्य बढ़ाया - Sabguru News
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केन्द्र सरकार ने इथेनॉल का खरीद मूल्य बढ़ाया

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केन्द्र सरकार ने इथेनॉल का खरीद मूल्य बढ़ाया

नई दिल्ली। सरकार ने चीनी मिलों के राहत देते हुए आपूर्ति वर्ष 2021-22 के इथेनॉल का खरीद मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2020-21 के आगामी चीनी मौसम के लिए गन्ना आधारित शीरे से प्राप्त उच्च इथेनॉल की कीमत तय करने को मंजूरी दी गई है।

प्रस्ताव के अनुसार ‘सी’ श्रेणी के शीरा से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 45.69 रूपए से प्रति लीटर से 46.66 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई जानी चाहिए। इसी तरह से ‘बी’ श्रेणी के शीरा से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 57.61 रुपए प्रति लीटर से 59.08 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई जाए। गन्ने के रस, चीनी या चीनी चाशनी से प्राप्त इथेनॉल की कीमत 62.65 से 63.45 रुपए प्रति लीटर होगी। सभी तरह के इथेनॉल पर वस्तु एवं सेवा कर तथा अन्य शुल्क अतिरिक्त होंगे।

ठाकुर ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उद्यमों को दूसरी पीढ़ी ‘2जी’ श्रेणी के इथेनॉल का मूल्य निर्धारण करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए क्योंकि इससे देश में उन्नत जैव ईंधन रिफाइनरी स्थापित करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि अनाज आधारित इथेनॉल की कीमतें वर्तमान में केवल तेल विपणन कंपनियां तय कर रही हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल इथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं को सुविधा होगी, बल्कि गन्ना किसानों के लंबित बकाया चुकाने, कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने और विदेशी मुद्रा की बचत में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ ले सकेंगी और उनमें से बड़ी मात्रा में इथेनॉल की आपूर्ति होने की उम्मीद है।

सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है जिसमें तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। वर्ष 2025-26 तक इसे 20 प्रतिशत करना है।

चीनी उत्पादन का लगातार अधिशेष चीनी की कीमतों को कम कर रहा है। नतीजतन, चीनी उद्योग की किसानों को भुगतान करने की क्षमता कम होने के कारण गन्ना किसानों का बकाया बढ़ गया है। गन्ना किसानों का बकाया कम करने के लिए सरकार ने कई फैसले लिए हैं। जिसमें इथेनॉल उत्पादन के लिए ‘बी’ श्रेणी के शीरा, गन्ने का रस, चीनी और चीनी की चाशनी को बदलने की अनुमति देना शामिल है।