नई दिल्ली। सरकार ने राजधानी के प्रगति मैदान में बन रहे विश्व स्तरीय एकीकृत प्रदर्शनी सह सम्मेलन केन्द्र के लिए वित्त उपलब्ध करने के उद्देश्य से इस केन्द्र में होटल निर्माण के निए भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा 3.7 एकड़ भूमि को निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष को बेचने की आज मंजूरी प्रदान कर दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया जिसमें इस भूमि पर भूमि एवं विकास कार्यालय (एल एंड डीओ) लगाए गए शुल्कों के साथ ही रेल मंत्रालय का भूमि शुल्क माफ कर दिया गया है।
सरकार ने होटल निर्माण एवं संचालन के लिए 99 वर्ष की लीज पर यह भूमि निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष को पारदर्शी प्रतिस्पर्द्धी बोली के आधार पर देने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार आईटीपीओ द्वारा भूमि का मौद्रीकरण प्रगति मैदान की पुनर्विकास परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है। पहले चरण में प्रगति मैदान में 2,254 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत प्रदर्शनी सह सम्मेलन केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है जहां सात हजार लोगों के बैठने और प्रदर्शनी के लिए एक लाख वर्ग फीट स्थान शामिल है।
इसके भूतल में 4,800 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होगी। साथ ही प्रगति मैदान और उसके आसपास यातायात का दबाव कम करने के भी उपाय किए जाने हैं।
प्रगति मैदान की 3.7 एकड़ भूमि को बेचकर पुनर्विकास परियोजना के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना का काम जोर-शोर से जारी है और आईटीपीओ ने इसे सितंबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।