कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के इस्तेमाल और प्रदर्शन के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं।
याचिकाकर्ता राम प्रसाद सरकार ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया था कि राज्यपाल राज्य सरकार के दैनिक कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। साथ ही याचिका में राज्यपाल को हटाने के लिए केंद्र सरकार को अदालत का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल, राज्य सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करके सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को बदनाम कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने आठ फरवरी को अपनी जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुखपत्र के रूप में काम कर रहे हैं। जनहित याचिका की सुनवाई 14 फरवरी को संपन्न हुई और शुक्रवार को इस मामले में अदालत का निर्देश सुनाया गया।