कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पांच जिलों के 36 विधानसभा क्षेत्रों में सातवें चरण का हाई वोल्टेज एवं कोरोना महामारी से प्रभावित चुनाव प्रचार शुक्रवार की शाम थम गया।
सातवें चरण में राज्य के पांच जिलों की 36 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं जिसके लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। इस चरण में मालदा, कोलकाता दक्षिण, मुर्शिदाबाद, पश्चिम वर्द्धमान और दक्षिण दिनाजपुर जिलों में चुनाव होने हैं।
चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी के कारण राज्य में बाकी बचे दो चरणों (सातवें एवं आठवें चरण) के दौरान रोड शो, पदयात्राओं, साइकिल/बाइक/वाहन रैलियाें पर गुरुवार की शाम को रोक लगा दी।
आयोग ने कहा है कि 500 लोगों की क्षमता से अधिक किसी भी जन सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग के ये सभी आदेश गुरुवार की शाम सात बजे से ही लागू हो गए।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के चुनावों के लिए नए अभियान दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें कहा गया है कि कई पार्टियां और उम्मीदवार निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले आयोग ने शाम सात बजे से अगले दिन सुबह 10 बजे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। इस दौरान प्रचार की मौन अवधि 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दिया। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्राय: सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने बड़ी रैलियां और जन सभाएं स्थगित कर दी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोरोना महामारी के कारण अपनी कई सभायें स्थगित करनी पड़ीं। उन्होंने शुक्रवार को मालदा, मुर्शिदाबाद और राजधानी कोलकाता में वर्चुअल तरीके से मतदाताओं को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी अपने सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। राज्य में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अब तक हुए छह चरणों के चुनाव में 223 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। आठ चरणों में हो रहे चुनावों के परिणाम दो मई को घोषित किए जाएंगे।