नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन से संबंधित मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित किए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का दबाव सोमवार को बढ़ा दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप ने सरकार ने कहा कि वह संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। दोनों ने कहा कि राममंदिर बनने से देश में सदभावना के वातावरण का निर्माण होगा।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है। तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहां मंदिर ही था।
संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर शीघ्र बनना चाहिए और जन्म स्थान पर मन्दिर निर्माण के लिए भूमि मिलनी चाहिए। मन्दिर बनने से देश में सदभावना एवं एकात्मता के वातावरण का निर्माण होगा।
अरुण कुमार ने कहा कि इस दृष्टि से उच्चतम न्यायालय शीघ्र निर्णय करे और अगर कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर कर श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे।
उन्होंने कहा कि जब से यह आंदोलन प्रारंभ हुआ है, पूज्य संतों और धर्म संसद के नेतृत्व में आन्दोलन चल रहा है, और उसका हमनें समर्थन किया है। आगे भी वे जो निर्णय करेंगे उसमें हम उनका समर्थन करेंगे।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह मामला 68 साल से अदालत में लंबित है। उन्होंने कहा कि हमको उम्मीद थी कि उच्चतम न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई आरंभ हो जाएगी लेकिन आज सुनवाई को लंबा लटकाये जाने से लगता है कि अदालत ने लोक महत्व के प्रश्न को नजरअंदाज करके कर्त्तव्य की अवहेलना की है।
इसे देखते हुए हम अनंतकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं इसलिए हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाए और कानून बनाकर वर्ष 2018 के अंतिम सूर्यास्त के पहले ही भव्य राममंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।
उन्होंने कहा कि सरकार को बहुत सावधानी से चाक चौबंद विधेयक तैयार करना चाहिए और अदालत में चुनौती दिए जाने की दशा में मज़बूती से पैरवी की तैयारी भी रखनी चाहिए।