चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ कांग्रेसी नेताओं के गांधी परिवार नेतृत्व को कथित तौर पर चुनौती देने का विरोध करते हुए आज कहा कि इस तरह का मुद्दा उठाने का यह सही समय नहीं है।
कैप्टन अमरिंदर ने यहां बयान जारी करते हुए कहा कि देश के संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को नष्ट करने में लगे भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राजग की सफलता मजबूत व एकजुट विपक्ष के अभाव में है और ऐसे नाजुक समय में कांग्रेस के कुछ नेताओं की संगठन में परिवर्तन की मांग न सिर्फ पार्टी बल्कि देश के हितों के खिलाफ भी होगी। उन्होंने कहा कि देश इस समय न सिर्फ सीमा पार बाहरी खतरों का सामना कर रहा है बल्कि अंदर इसका संघीय ढांचा भी खतरे में है और केवल एकजुट कांग्रेस ही देश को व इसके लोगों को बचा सकती है।
नेतृत्व परिवर्तन की मांग को अस्वीकार्य करार देते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि गांधी परिवार को अंग्रेजी शासन से आजादी लेने से लेकर आजादी के बाद देश की प्रगति में योगदान है।
उन्होंने कहा कि समूची पार्टी को कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को, जब तक वह चाहें, कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने देना चाहिए और उसके बाद राहुल गांधी को कमान संभालनी चाहिए क्योंकि वह ऐसा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में एक भी ऐसा गांव नहीं होगा जहां कोई कांग्रेस सदस्य पार्टी की संवैधानिक सिद्धांतों, अधिकारों और स्वतंत्रता की विचारधारा को आगे बढ़ाने को तैयार न हो और इसके लिए श्रेय गांधी परिवार को ही जाता है जिनके निस्वार्थ समर्पण और अकल्पनीय त्यागों के बिना पार्टी देश को जाति व धर्म के आधार पर बांटने की भाजपा और उसकी संघी महत्वकांक्षाओं के रास्ते में चट्टान की तरह न खड़ी होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी हार जीत नेतृत्व परिवर्तन का आधार नहीं होनी चाहिए। कैप्टन ने चेतावनी दी कि पार्टी को अस्थिर करने की कोई भी कोशिश तानाशाही ताकतों को लाभ पहुंचाएंगी। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस के 20 से अधिक नेताओं ने इस संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।