नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि एक महिला अधिकारी समेत सीबीआई की छह-सदस्यीय टीम चिदम्बरम को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा, क्योंकि वह वहां नहीं मिले।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई टीम के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम भी चिदम्बरम के आवास पर पहुंची और उसे भी बैरंग लौटना पड़ा।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने आनन-फानन में शीर्ष अदालत का रुख किया, लेकिन अदालत उठ जाने के कारण उनके मामले का विशेष उल्लेख नहीं हो सका।
चिदम्बरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से मामले पर त्वरित सुनवाई का आग्रह किया था, लेकिन अदालत के उठ जाने के कारण अब याचिका का विशेष उल्लेख बुधवार साढे दस बजे अदालत कक्ष-तीन में किया जाना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को दिल्ली उच्च न्यायालय से उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब उसने आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने चिदम्बरम को इस मामले में पिछले साल 25 जुलाई को गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम राहत दी थी। न्यायालय ने इसे कई बार बढ़ाया भी था।
चिदम्बरम साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के एयरसेल मैक्सिस सौदे और आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपए निवेश संबंधी मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। उनपर आरोप है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने आईएनएक्स मीडिया में निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के तहत मंजूरी देने में अनियमितता की थी।