पुणे। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख मुंबई के 100 करोड़ रूपए वसूलने संबंधी निर्देशों के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के जांच अधिकारी को उनकी कोई भूमिका नजर नहीं आई और इसके बाद जांच बंद कर दी गई, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने किसी ‘साजिश’ के तहत जांच अधिकारी की रिपोर्ट को पलट दिया।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने जांच अधिकारी की रिपोर्ट को दरकिनार करने के लिए सीबीआई द्वारा रची साजिश को उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है।
इस साल 24 अप्रैल को देशमुख और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
पूर्व पुलिस आयुक्त ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने कुछ पुलिस अधिकारियों को मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। देशमुख ने मामले की प्रारंभिक जांच के आदेश के बाद अप्रैल में गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन इस तरह के आरोपों को निराधार करार दिया।
सावंत ने ट्वीट किया कि प्रारंभिक जांच में सीबीआई के जांच अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे की कि पूर्व पुलिस आयुक्त के तथाकथित 100 करोड़ रुपए एकत्र करने के आरोप में अनिल देशमुख की कोई भूमिका नहीं है और जांच को बंद कर दिया है।
सावंत ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम इस साजिश की सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसके इशारे पर सीबीआई के जांच अधिकारी की रिपोर्ट को पलटकर एजेंसी ने अपना रुख बदला। हाईकोर्ट ने देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच के लिए कहा था लेकिन हाईकोर्ट को गुमराह कर प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई ने बहुत बड़ा अपराध किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख ने कहा कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच गैर कानूनी है क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पहले इसकी मंजूरी नहीं ली थी।
सावंत ने यह कहा कि इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार कैसे इन एजेंसियाें को अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालतों को भी गुमराह किया, नियम तोड़े गए, पूछताछ भी निरंतर चलती रही। ऐसी साजिशें बिना किसी रोकटोक के निरंतर चलती रही। ऐसे बड़े समय में हमारे लोकतंत्र को बचाने के लिए पूरे देश को एक साथ आना चाहिए।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने सीबीआई से अनिल देशमुख मामले की ‘सटीक जानकारी देने की मांग की है।