कानपुर। सीबीआई ने रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी द्वारा कई बैंकों को कई करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में कानपुर स्थित उनके घर और परिसरों में दूसरे दिन भी छापेमारी की। जानकार सूत्रों ने बताया कि कोठारी परिवार के सभी सदस्यों और यहां तक कि उनके कर्मचारियों और घरेलू नौकरों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं।
कोठारी पर आरोप है कि उन्होंने सात बैंकों से 3,695 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) का लिया कर्ज वापस नहीं किया है। कोठारी के वकील शरद बिड़ला ने कहा कि रोटोमैक के मालिक ने कोई गलत काम या धोखाधड़ी नहीं की है और यह मामला केवल बैंक ऋण चुकाने का है।
प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने कोठारी के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज कर लिया है और साथ ही उनके तिलक नगर स्थित निवास से जब्त दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने पहले ही विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना और बेटे राहुल को ऋण न चुकाने पर डिफॉल्टर घोषित किया है। इनके पासपोर्ट के साथ ही जांच एजेंसी द्वारा इनके बैंक विवरणों, संपत्ति दस्तावेज, पेन ड्राइव और लैपटॉप को जब्त कर लिया गया है।
सीबीआई टीम के उपनिदेशक पीके सिंह के नेतृत्व में इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच की जा रही है और छापे मारे जा रहे हैं।
रोटोमैक कंपनी के मालिक ने इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से ऋण लिया था।
सूत्रों ने बताया कि यह जांच ऋण शर्तो की जानकारी के ईद-र्गिद की जा रही है और इसमें संपत्तियों के ब्योरे शामिल हैं, जिनके आधार पर बैंक ने उन्हें इतना बड़ा कर्ज दिया था।