मुबंई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके दो सहआरोपियों की जमानत याचिका केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने सोमवार को तकनीकी आधार पर खारिज कर दी।
तीनों आरोपियों ने यह याचिका तकनीकी आधार पर दायर की थी कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद 60 दिनों के भीतर दायर आरोप पत्र अधूरा है, इसलिए वे जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं।
जांच एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोप पत्र के साथ कुछ दस्तावेज पेश करने में देरी हो गई लेकिन आरोप पत्र निर्धारित समय में दायर किया गया था।