शिमला। सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म एवं हत्या मामले में वह मुख्य आरोपियों तक पहुंचने तथा इस मामले की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया है।
एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सजंय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को कहा कि वह इस मामले में आगामी 11 जुलाई तक अपनी जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर देगी जिसमें सभी आरोपियों का भी खुलासा किया जाएगा।
इस बीच अदालत ने सीबीआई द्वारा उसे सीलबंद तरीके से सौंपी गई रिपोर्ट को मीडिया में लीक करने को लेकर आपत्ति भी जाहिर की। अदालत ने इस मामले में निर्धारित नौ मई की अगली तारीख को सीबीआई निदेशक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के भी निर्देश दिए।
इस पर एजेंसी के वकील ने कहा कि ऐसे में जब इस मामले में सीबीआई निदेशक की ओर से मंजूर अब तक की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की जा चुकी है तो उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जानी चाहिए।
इस पर अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह आठ मई तक इस मामले की जांच पूरी करने को लेकर निदेशक की ओर से एक हलफनामा दायर करे जिस पर गौर करने के बाद वह यह तय करेगी कि निदेशक को व्यक्तिगत रूप से अदालत में तलब किया जाए अथवा नहीं।
अदालत ने कहा कि सीबीआई को निदेशक की पेशी को प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उन्हें अदालत को यह बताना है कि मामले में पेश की गई रिपोर्ट को उन्होंने ही मंजूरी दी है। सीबीआई ने पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार होने की बात से इन्कार किया है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने अनिल के परिजनों और रिश्तेदारों सहित ढाई सौ लोगों के खून के नमूने लिये और डीएनए जांच की नयी तकनीकों (परसेंटेज एवं लिनियेज प्रणाली) के आधार पर मिले परिणामों के बाद अनिल के चारों ओर शिकंजा कसना शुरू किया था, लेकिन लंबे समय से अपने गांव से भागे रहने और मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की वजह से उसकी गिरफ्तारी मुश्किल हो रही थी।
चालीस सदस्यीय सीबीआई टीम ने शिकंजा कसते हुए आरोपी से सम्पर्क की संभावना वाले कम से कम 80 लोगों पर नजर रखना शुरू किया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 के एक फोन कॉल को आधार बनाकर अपनी तहकीकात को आगे बढ़ाया और अप्रेल के शुरू में किए गए एक अन्य कॉल के आधार पर लकड़हारा अनिल को गिरफ्तार कर लिया। जहां से इस आरोपी को गिरफ्तार किया गया वहां वह चार दिन पहले ही कृषि मजदूर के तौर पर काम में लगा था।
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार आरोपी ने पीड़िता को अकेली पाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया था और उसके साथ बलात्कार किया था। इस बीच जांच एजेंसी के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने इस मामले में कहा कि सीबीआई निदेशक पहले ही दिन से लगातार जांच की निगरानी कर रहे थे। निदेशक ने इस संवेदनशील मामले को सुलझाने के लिए जांच दल एवं सीबीआई के फॉरेंसिक टीम की सराहना की है।
पीड़िता के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या की घटना चार जुलाई 2017 को हुई थी। उस वक्त वह अपने स्कूल से घर वापस लौट रही थी। दो दिन बाद छह जुलाई को उसका शव बरामद किया गया था। सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 22 जुलाई को जांच शुरू कर दी थी।