नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट की जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित कुल 21 ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की।
सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दायर की है जिसमें सिसौदिया सहित कम से कम 15 लोगों को नामित किया गया है। आम आदमी पार्टी ने हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है।
सिसोदिया ने अपने आवास पर सीबीआई के तलाशी अभियान की ट्विटर पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर के जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के काम में पूरा सहयोग करेंगे ताकि जल्द ही ‘सच्चाई’ सामने आ सके। सिसोदिया ने हिंदी में ट्वीट किया कि सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है, उसे इसी तरह परेशान किया जाता है, इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-वन नहीं बन पाया है।
उन्होंने कहा कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि जल्द ही सच्चाई सामने आ सके। दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति में अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। उसके आधार पर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले की तह तक जाने के लिए पिछले महीने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
दिल्ली सरकार ने नयी नीति के तहत नवंबर में शराब की दुकान के लाइसेंस निजी कारोबारियों को सौंपे थे, जिससे दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या बहुत बढ़ गई थी। विपक्षी दलों ने सरकार और शराब के ठेकेदारों के बीच साठगांठ का आरोप लगाते हुए इस नीति की आलोचना की थी। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस नीति को शराबखोरी बढ़ाने वाली नीति बता कर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए थे।
सीबीआई के कार्रवाई के बारे में कोई आधिकारिक ब्योरा अभी नहीं दिया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई में एक लोक सेवक के ठिकाने से दिल्ली की आबकारी नीति से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बरामद किए हैं। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज कर के इस मामले की जांच शुरू की है। इसमें सिसोदिया सहित 15 लोगों को नामित किया गया है। इस मामले में कुछ अन्य लोगों के भी शामिल होने का संदेह है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि 75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की, उसे रोका गया, इसीलिए देश पीछे रह गया, लेकिन दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे। उन्होंने कहा दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है। इसे ये रोकना चाहते हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियों पर छापा और गिरफ़्तारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन अमरीका के सबसे बड़े अख़बार न्यूयार्क टाइम्स के मुख्य पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई भेजी। सीबीआई का स्वागत है। पूरा सहयोग करेंगे। पहले भी कई जांच/छापे पड़े। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आबकारी नीति में भ्रष्टाचार ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का असली चेहरा उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि जांच के डर से आप नेता इसे अपनी सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के काम से जोड़ रहे हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हालांकि ट्वीट किया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के निरंतर दुरुपयोग का दूसरा पहलू यह है कि एजेंसियों की वैध, सही कार्रवाई भी संदेह के घेरे में आ जाती है।
आप के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई छापे का मकसद शराब नीति नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को रोकना है।
उन्होंने कहा कि जब केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ रही है और चुनाव में जीत रहे हैं। एक के बाद दूसरे और तीसरे राज्य में पहुंच रहे हैं, तो उसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली का शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल है। दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य की क्रांति से परेशान होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रात में नींद नहीं आती। उनको सिर्फ एक ही चिंता लगी रहती है कि कैसे केजरीवाल को रोकना है? कैसे शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को रोकना है?
कांग्रेस के नेता एवं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हैं कि ये छापे पहले क्यों नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शराब के ठेकों का मामला हो, स्कूल कक्षों के निर्माण की बात हो या स्कूली शिक्षकों की भर्ती का मामला, इनकी जांच के लिए सीबीआई को कम से कम 10 छापे मारने चाहिए।