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CBSE board class 12th result 2019, two girls are joint toppersCBSE result 2019 : मात्र 28 दिन में 12वीं के नतीजे घोषित - Sabguru News
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CBSE result 2019 : मात्र 28 दिन में 12वीं के नतीजे घोषित

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CBSE result 2019 :  मात्र 28 दिन में 12वीं के नतीजे घोषित
CBSE board class 12th result 2019
CBSE board class 12th result 2019
CBSE board class 12th result 2019

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बारहवीं की परीक्षा में लड़कियों ने इस बार नया रचा इतिहास रचते हुए लड़कों को न केवल पीछे छोड़ दिया बल्कि पहले और दूसरे स्थान पर भी लड़कियां ही छायी रही। इतना ही नहीं दिव्यांग छात्रों में भी इस बार टॉपर एक छात्रा ही रही। सीबीएसई ने पहली बार मात्र 28 दिनों के भीतर 12वीं के नतीजे घोषित कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।

सीबीएसई की अध्य्क्ष अनिता करवाल ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि इस बार 12वीं की परीक्षा में 83.4 प्रतिशत छात्र पास हुए जबकि पिछले साल 83.01 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। इस तरह इस बार पिछले वर्ष की तुलना में नतीजे बेहतर रहे।

इस बार लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों से हमेशा की तरह बाजी मारी और 88.7 प्रतिशत लड़कियां पास हुई जबकि 79.4 प्रतिशत लड़के पास हुए। इस तरह लड़कों की तुलना में करीब 9 प्रतिशत अधिक लड़कियां पास हुई।

उन्होंने बताया कि पहले स्थान पर दो लड़कियां संयुक्त रूप से टॉपर हैं जिन्हें 500 में से 499 अंक मिले हैं। इनमें डीपीएस मेरठ रोड, गाजियाबाद की छात्रा हंसिका शुक्ला और मुजफ्फरनगर के एसडी पब्लिक स्कूल की छात्रा करिश्मा अरोड़ा हैं।

उन्होंने बताया कि दूसरे स्थान पर तीन लड़कियां संयुक्त रूप से है जिन्हें 498 अंक प्राप्त हुए हैं। इनमें ऋषिकेश के निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल की गौरांगी चावला, रायबरेली के केंद्रीय विद्यालय की ऐश्वर्या और हरियाणा के जींद की बीआरएसके इंटरनेेशनल स्कूल की भाव्या है।

इसके बाद तीसरे स्थान पर 18 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं। इन्हें 497 अंक प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं दिव्यांग श्रेणी में भली टॉपर लावण्य बालकृष्णन हैं जो गुरुग्राम के हेरिटेज स्कूल की छात्रा हैं। उसे 489 अंक प्राप्त हुए हैं।

दिव्यांगों में 485 अंक प्राप्त करने वाले तीन छात्र हैं जो दूसरे स्थान पर हैं जबकि तीसरे स्थान पर तीन छात्र हैं जिन्हें 484 अंक मिले हैं। दिव्यांगों में 34 छात्रों को 95 और उससे अधिक प्रतिशत अंक मिले हैं।
कुल 17 हज़ार 396 छात्रों को 95 और उससे अधिक प्रतिशत अंक मिले जबकि 94 हज़ार 299 छात्रों को 90 से अधिक फीसदी अंक मिले।

करवाल ने बताया कि इस बार दस क्षेत्रों में सबसे टॉप तिरुवनंतपुरम रहा जिसका नतीजा 98.2 प्रतिशत रहा जबकि चेन्नई 92.93 प्रतिशत रहा। दिल्ली 91.87 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विदेशों में सीबीएसई स्कूल के नतीजे भी इस बार पिछले साल से अधिक हुए और 95.43 छात्र पास हुए जबकि पिछले वर्ष 94.94 प्रतिशत पास हुए।

किन्नर छात्रों का प्रतिशत देशभर में 83.33 रहा और करीब 35-36 किन्नर छात्रों ने परीक्षाएं दी। सरकारी स्कूलों में हमेशा की तरह केंद्रीय विद्यालयाें का रिजल्ट सबसे अधिक 98.54 प्रतिशत रहा जबकि जवाहर नवोदय विद्यालय का प्रतिशत 96.62 रहा और तिब्बतियन स्कूल का रिजल्ट 96.06 रहा।

सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों का रिजल्ट 88.49 रहा जबकि सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 87.17 रहा। दिल्ली क्षेत्र का रिजल्ट भी इस बार पिछले साल की तुलना में दो प्रतिशत से अधिक रहा। पिछले साल उसका रिजल्ट 89 प्रतिशत था। इस बार 4627 परीक्षा केेंद्र थे जबकि पिछले वर्ष 4145 परीक्षा केंद्र थे। स्कूलों की संख्या 12441 थी जबकि पिछले वर्ष 11510 थे।