नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पर्चे लीक होने से बोर्ड पर दाग जरूर लगा है, लेकिन इस मामले में दोषी व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने गुरुवार को कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के पर्चे लीक होने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उसी प्रकार इस मामले में भी दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक के बारे में पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह बात कही।
संवाददाता सम्मेलन में कई पत्रकारों ने सीबीएसई का पर्चा लीक होने के मामले में जावड़ेकर को जब चारों तरफ से घेर लिया तो उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए कहा कि वह स्वयं इसे लेकर चिंतित हैं और छात्रों तथा उनके अभिभावकों की तरह वह भी रात भर सो नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पर्चा लीक किया है उन्होंने सीबीएसई पर दाग लगाया है। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हमें विश्वास है कि पुलिस दोषियों को जल्द गिरफ्तार करेगी।
उन्होंने कहा कि अब तक सीबीएसई की विश्वसनीयता रही है। तभी तो उच्चतम न्यायलय ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के आयोजन की जिम्मेदारी उसे सौंपी थी, जिसे सीबीएसई ने निभाया भी।
जावडेकर ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो अपराध आया है यह एक नई चुनौती है। परीक्षा व्यवस्था में भी आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार की छात्रों के साथ पूरी सहानुभूति है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों के साथ अन्याय न हो। प्रधानमंत्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। मामले की जांच के लिए एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया है। साथ ही आंतरिक जांच भी की जा रही है।
दसवीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र के अलावा अन्य पर्चे लीक होने की खबरों के संबंध में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो अन्य पर्चे सामने आ रहे हैं उनकी जांच में वे वास्तविक प्रश्नपत्रों से मेल नहीं खा रहे और इसलिए लीक का मामला नहीं बनता।
एसएससी पर्चा लीक के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पर्चा लीक होने के बारे में कोई प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से परीक्षा के दौरान चोरी कराई जा रही थी। इसका ठीकरा भी पिछली सरकार पर फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में जो चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं वे वर्ष 2012 से ही यह काम कर रहे थे और मौजूदा सरकार ने तो उन्हें पकड़ा है।