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लॉक डाउन के बाद होगी सीबीएसई की शेष परीक्षाएं : निशंक - Sabguru News
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लॉक डाउन के बाद होगी सीबीएसई की शेष परीक्षाएं : निशंक

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लॉक डाउन के बाद होगी सीबीएसई की शेष परीक्षाएं : निशंक
Remaining papers of tenth and twelfth board from 1st to 15th July
CBSE remaining examinations will be held after lockdown
CBSE remaining examinations will be held after lockdown

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई) के बचे हुए पेपरों के लिए परीक्षा लॉक डाउन खत्म हो जाने के बाद ही आयोजित की जाएगी।

डॉ निशंक ने सोमवार को यहां लॉक डाउन के दौरान देशभर के अभिभावकों को संबोधित करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। जब उनसे यह पूछा गया कि सीबीएसई की शेष परीक्षएँ कब होगी, उन्होंने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 29 मूल विषयों के जिन पेपरों की परीक्षाएं नहीं हुई है उनकी परीक्षाएं अब 3 मई के उपरांत लॉक डाउन खत्म होने बाद ही होंगी लेकिन जो वैकल्पिक विषय हैं उनकी परीक्षाएं नही होंगी और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनका निर्णय किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने अभिभावकों और छात्रों से अपील की कि लॉक डाउन के दौरान वे पढ़ाई को लेकर तनाव में न रहें बल्कि मस्ती के साथ पढ़े । उन्होंने कहा कि लॉक डाउन को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा का और विस्तार किया जाएगा।

डॉ निशंक ने शिक्षकों से यह भी अपील की कि वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दीक्षा और अन्य प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक अपने लेक्चर पोस्ट करें ताकि अधिक से अधिक छात्र लॉक डाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान करीब 16 करोड़ छात्रों ने ऑनलाइन शिक्षा का इस्तेमाल किया है।करीब 12 करोड़ छात्रों ने स्वयं प्रभा पोर्टल का इस्तेमाल किया है।

उन्होंने बताया दीक्षा पोर्टल सीबीएसई द्वारा गत वर्ष सितंबर में शुरू किया गया था और उस पर 9000 से अधिक पाठ्य सामग्री डाउनलोड कर दी गई थी। इसके अलावा विद्यादान पार्ट 2 को भी लांच किया गया था।

निशंक ने बताया कि 1086 ई पाठ्यक्रम उपलब्ध है। दो हज़ार से अधिक ऑडियो और 996 ई बुक भी उपलब्ध है जिससे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के बारे में छात्रों अभिभावकों और अध्यापकों ने उन्हें कई सुझाव दिए हैं और उन सुझावों पर अध्ययन किया जा रहा है ताकि उनमें से कुछ को भविष्य में लागू किया जा सके। डॉ निशंक ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान छात्र पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें भी पढ़े और इसके लिए एक ट्वीटर अभियान भी शुरू किया गया। देश भर के आईआईटी जैसे प्रौद्योगिकी संस्थानों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हो रहे शोध कार्यों के लिए युक्ति नामक एक प्लेटफार्म भी लांच किया गया है। छात्र इससे भी लाभ उठा सकते हैं।