बेंगलुरु | देश के सबसे बड़े कॉफी चेन ‘कैफे कॉफी डे’ (सीसीडी) के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ का शव 36 घंटें के तलाश अभियान के बाद बुधवार को नेत्रावती नदी से बरामद किया गया। वह सोमवार रात से लापता थे।
बेंगलुरु पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने बताया कि बुधवार तड़के शव को नदी में बहता हुआ देखा गया। शव को नदी से बाहर निकाले के बाद वेनलॉक अस्पताल भेज दिया गया है। पाटिल ने कहा कि इस संबंध में परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
रिपोर्टों के अनुसार सिद्धार्थ का शव उल्लाल से पांच किलोमीटर की दूरी से बरामद किया गया ,जहां उन्हें अंतिम बार देखा गया था। सीसीडी के मालिक के ड्राइवर के बयान के बाद उनके नदी में कूदकर आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही थी। तट रक्षक दल और अन्य एजेंसियों के 200 से अधिक कर्मी मंगलवार सुबह से सिद्धार्थ की तलाश कर रहे थे। पुलिस के अनुसार तट रक्षक बल, नौसेना, गोताखोर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और वायु सेना के हेलिकॉप्टर को सिद्धार्थ की तलाश में लगाया गया था।
पूर्व विदेश मंत्री एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ(60) को आखिरी बार सोमवार शाम दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रावती नदी के ऊपर बने पुल पर देखा गया था। वह सोमवार की दोपहर बेंगलुरु से हासन जिले के लिए कार से रवाना हुए थे। रास्ते में उन्होंने ड्राइवर से मंगलुरु चलने को कहा और नेत्रवती नदी के पुल पर पहुंचने पर कार राेकने के लिए कहा। उन्होंने इसके बाद ड्राइवर से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं,वह उनका इंतजार करे। ड्राइवर ने दो घंटे बाद भी उनके नहीं लौटने पर पुलिस से संपर्क किया। दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त सेंथिल शशिकांत सेंथिल के अनुसार ड्राइवर ने पुलिस से सम्पर्क करके उनके लापता होने की शिकायत दर्ज करायी।
बैंगलुरु पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सिद्धार्थ का फोन बंद होने से पहले उससे तीन कॉल किये गये थे। दो कॉल उनके निजी सचिव और एक कॉल उनके मुंबई के दोस्त को किया गया था। उनके लापता होने की खबर के बाद बेंगलुरु में लोग कृष्णा के घर पहुंचने लगे थे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और बीएल शंकर भी कृष्णा के घर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने कृष्णा को उनके दामाद को ढूंढने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था।
इस बीच सिद्धार्थ का एक पत्र सामने आया जिसमें उन्होंने एक आयकर अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने की बात कही है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह इतनी मेहनत के बाद भी अपने कारोबार को ऐसा नहीं बना सके कि उससे बेहतर मुनाफा कमाया जा सके। इससे वह बेहद दुखी हैं। उन्होंने लिखा है कि वह बस इतना कहना चाहते हैं कि उन्होंने मुनाफा कमाने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्होंने कहा,“मैं उन सभी लोगों से माफी मांगना चाहता हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। मैं लंबे समय से लड़ रहा था लेकिन आज मैंने उम्मीद छोड़ दी है क्योंकि मैं इससे ज्यादा तनाव नहीं ले सकता।”
सिद्धार्थ, पत्नी मालविका और बच्चों के साथ बेंगलुरु के पॉश इलाके सदाशिवनगर में रहते हैं। मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा आज सुबह कृष्णा के घर पहुंचे और उनके दामाद को ढूंढने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
कॉफी डे एंटरप्राइजेज की कंपनी सचिव संजना पुजारी ने बीएसई और एनएसई को सूचित किया था कि कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सोमवार शाम से लापता हैं। कंपनी उनकी तलाश के लिए संबंधित अधिकारियों से मदद ले रही थी।
बताया जा रहा है कि आयकर अधिकारियों के दबाव से परेशान होकर सिद्धार्थ ने हाल में माइंडट्री लिमिटेड में अपनी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी लार्सेन एंड टुब्रो को बेच दी। वह कोका कोला कंपनी के साथ भी संपर्क में थे और संभवत: अपनी कंपनी की कुछ हिस्सेदारी उसे बेचने की योजना बना रहे थे।