जयपुर। 27 अक्टूबर यानी रविवार को देश भर में दिवाली (Diwali) का त्यौहार मनाया जायेगा। यह दिन हिन्दू धर्म के लिए सबसे बड़ा दिन है। इस दिन को हिन्दू धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते है। दिवाली पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते है और बड़ों का आशीर्वाद लेते है। इस खास दिन को मनाने से पहले हिन्दू धर्म के लोग अपने घर की पूरी साफ-सफाई करते है। इसके बाद दिवाली के दिन मुहूर्त के अनुसार लक्ष्मी जी की पूजा करते है। लक्ष्मी पूजन के बाद पटाखे जलाएं जाते है। लेकिन इस बार बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन पटाखे जलाएं।
जी हाँ, इस बार भारी पटाखों से तौबा कर लें तो ही बेहतर रहेगा। बाजार में हर साल एक से बढ़कर एक पटाखे आते है। लेकिन इन पटाखों से प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। ऐसे में कम आवाज और ग्रीन पटाखे (Green Crackers) जलाएं। तो चलिए जानते है ग्रीन पटाखों के बारे में –
ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज के मामले में ट्रडिशनल पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन इन्हें जलाने पर प्रदूषण 30-40 फीसदी तक कम होता है। यही नहीं ये पटाखे सिर्फ हमारे देश में ही तैयार किए गए हैं। इन पटाखों को नैशनल इन्वाइरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (NEERI) ने तैयार किया है। जहां आम पटाखों को जलाने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली नाइट्रोजन और सल्फर जैसी गैसें ज्यादा निकलती हैं, वहीं ग्रीन पटाखों में ये बेहद ही कम मात्रा में निकलती हैं। इससे वायु को नुकसान कम पहुंचता है। इसलिए आप भी इस बार ग्रीन पटाखे ही जलाएं।