जयपुर| जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 11वें संस्करण के केंद्र में भारत की समृद्ध, विविध और रंगों से भरपूर साहित्यिक धरोहर है क्योंकि यह देश की विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लेखकों को अलग-अलग हिस्सों से एक ही मंच पर लाता है। इस साल इस फेस्टिवल में बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, तमिल, मलयालम, मराठी, उड़िया, राजस्थानी, संस्कृत, सिंधी, तेलुगू और उर्दू लेखन की दुनिया के कई वक्ता शिरकत कर रहे हैं। यह प्रोग्राम इन भाषाओं में लेखन के सामयिक चलन की समीक्षा करते हुए उनकी भव्य धरोहर पर भी नजर डालता है।इस फेस्टिवल के 11वें संस्करण का आयोजन 25 से 29 जनवरी के दौरान किया जाएगा और इसमें भारत व दुनिया के 35 देशों के 350 से ज्यादा वक्ता हिस्सा लेंगे।इस साल इस प्रोग्राम में हिंदी लेखन की अगली पीढ़ी के प्रशंसनीय लेखक जैसे अखिल कात्याल, अनु सिंह चैधरी, गौरव सोलंकी, यतींद्र मिश्रा, सौरभ द्विवेदी, सत्य व्यास, अविनाश दास और कई अन्य शामिल होंगे जबकि हिंदी भाषा के स्थापित कवि एवं लेखक जैसे अशोक वाजपेयी, ओम थानवी, मृदुला गर्ग, चित्रा मुदगल, नसीरा शर्मा और अलका सरावगी हिंदी साहित्य के कई सूक्ष्म समुदायों और विविध लेखन का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके अलावा प्रतिष्ठित लेखक, सूफी स्कॉलर और उर्दू, हिंदी व राजस्थानी में लिखने वाले कवि इकराम और सहरामेगम नद्दी के लिए उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित लेखक फारुक इंजीनियर के साथ राजस्थानी उर्दू लेखन की समीक्षा और उसमें संभावनाओं पर बात करेंगे। इंजीनियर कई प्रतिष्ठित उर्दू पत्रिकाओं का संपादन कर चुके हैं। इस फेस्टिवल का बहुआयामी कंटेंट दर्शकों से भाषाई समृद्धि का वादा करता है जिसके लिए अब बहुत इंतजार करना मुश्किल है।
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