नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली की आपूर्ति नहीं किए जाने तथा महंगे दाम पर बिजली बेचे जाने की खबरों के बीच केंद्र सरकार सभी राज्यों को हिदायत दी है कि विद्युत आपूर्ति में कटौती नहीं होनी चाहिए और उपभोक्ताओं को बराबर बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिए।
बिजली मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में राज्यों से कहा कि मंत्रालय के ध्यान में यह बात आई है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और बिजली की कटौती यानी लोड शेडिंग कर रहे हैं और बिजली एक्सचेंज में भी ऊंचे दाम पर बिजली बेच रहे हैं।
यदि यह पाया जाता है कि कोई राज्य उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा नहीं कर रहे हैं और बिजली एक्सचेंजों में उच्च दर पर बिजली बेच रहे हैं,तो उन राज्यों को आवंटित बिजली वापस ली जाएगी और जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा है कि उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जिम्मेदारी वितरण कंपनियों की है और उन्हें उपभोक्ताओं की जरूरत को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना चाहिए। वितरण कंपनियों को एक्सचेंज में बिजली बेच कर अपने उपभोक्ताओं को बिजली से वंचित नहीं रखना चाहिए।
मंत्रालय ने अतिरिक्त बिजली के मामले में राज्यों से अनुरोध किया है कि इसकी सूचना केंद्र को दी जानी चाहिए ताकि इस बिजली को अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर उपभोक्ताओं को फायदा मिल सके।
बिजली मंत्रालय ने दिल्ली में बिजली की किल्लत की खबरों के बीच पिछले दस दिनों के दौरान दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को घोषित क्षमता-डीसी को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी और डीवीसी को पर्याप्त बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं ताकि दिल्ली को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
बिजली आवंटन दिशा-निर्देशों के अनुसार केन्द्रीय उत्पादन स्टेशनों-सीजीएस से 15 प्रतिशत बिजली को ‘आवंटित नहीं की गई बिजली’ के अंतर्गत रखा जाता है जिसे केन्द्र सरकार उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरतमंद राज्यों को आवंटित करती है।