नई दिल्ली। केन्द्र द्वारा सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान अभियान न चलाने के निर्देश दिए जाने के बीच सेना ने स्पष्ट किया है कि यदि उसके काफिले और शिविरों पर हमला किया जाता है तो वह जवाबी कार्रवाई करेगी।
सेना के सूत्रों ने साथ ही यह भी कहा है कि यदि उसे राज्य में आतंकी गतिविधियों की सटीक खुफिया जानकारी मिलती है तो भी वह निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी। पाकिस्तान से लगती सीमा पर भी यथा स्थिति बरकरार रखी जाएगी।
सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा है कि रमजान के दौरान अभियान न चलाए जाने को लेकर उनकी दो चिंता थी पहली सैन्यकर्मियों या उनके शिविर पर हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई का अधिकार और दूसरा रोड खोलने वाली पार्टी के काम में कोई बाधा नहीं आए।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने सुरक्षा बलों को रमजान के दौरान जम्मू कश्मीर में अभियान न चलाने के निर्देश दिए हैं। रमजान का पवित्र महीना गुरुवार से शुरू होकर 16 जून तक चलेगा।
केन्द्र ने यह निर्णय राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस प्रस्ताव के बाद लिया है जिसमें उन्होंने रमजान के दौरान संघर्ष विराम की बात कही थी। यह प्रस्ताव राज्य में आयोजित सर्वदलीय बैठक में पारित किया गया था।
यह कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लेने से पहले रक्षा मंत्रालय तथा अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श किया था। इसके बाद उसने मुफ्ती को भी इस निर्णय से अवगत कराया था।
जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अब तक 65 आतंकवादी मारे गए हैं और सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 863 घटनाएं हुई हैं। आतंकवादी संगठनों ने इस साल 41 स्थानीय युवकों की भर्ती की। सीमापार से घुसपैठ की 48 कोशिशें की गई जिनमें से 24 को विफल किया गया।