नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों और युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरुकता और दिलचस्पी पैदा करने के लिए एक क्विज प्रतियोगिता की घोषणा करते हुए रविवार को कहा कि इसके विजेताओं को भारतीय अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा जाने तथा चंद्रयान -2 की लैडिंग देखने का मौका मिलेगा।
मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की दूसरी कड़ी में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में होने वाली इस क्विज प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी एक अगस्त को ‘माई गोव’ वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से जुड़ी जिज्ञासाएं, भारत का अंतरिक्ष अभियान, विज्ञान और प्रौद्याेगिकी – इस क्विज प्रतियोगिता के मुख्य विषय होंगे। जैसे कि, राॅकेट प्रक्षेपित करने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है। उपग्रह को कैसे कक्षा में स्थापित किया जाता है और उपग्रह से हम क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त करते हैं। ए-सेट क्या होता है। बहुत सारी बातें हैं।
युवाओं से इस प्रतियोगिता में भाग लेने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे दिलचस्प, रोचक और यादगार बनाया जाना चाहिए। उन्होेंने स्कूलों, अभिभावकों, उत्साही आचार्यों और शिक्षकों से विशेष आग्रह किया कि वे अपने स्कूल को विजयी बनाने के लिए भरसक मेहनत करें। सभी विद्यार्थियों को इसमें जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि हर राज्य से, सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को, केंद्र सरकार अपने खर्च पर श्रीहरिकोटा लेकर जाएगी और सितम्बर में उन्हें उस पल का साक्षी बनने का अवसर मिलेगा जब चंद्रयान, चंद्रमा की सतह पर उतर रहा होगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि चंद्रयान-2 अभियान देश के युवाओं को विज्ञान और नवप्रवर्तन के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि अब हमें, बेसब्री से सितम्बर महीने का इंतजार है जब चंद्रमा की सतह पर लैंडर–विक्रम और रोवर–प्रज्ञान की लैंडिंग होगी।
मोदी ने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विजयी विद्यार्थियों के लिए यह उनके जीवन की ऐतिहासिक घटना होगी, लेकिन इसके लिए उन्हें क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होगा और सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने होंगे।
उन्हाेंने राजस्थान के जोधपुर से संजीव हरीपुरा, कोलकाता से महेंद्र कुमार डागा, तेलंगाना से पी. अरविन्द राव और कई लोगों के नरेंद्रमोदीऐप और माईगोव पर दिए सुझावों का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरिक्ष की दृष्टि से 2019 भारत के लिए बहुत अच्छा साल रहा है। वैज्ञानिकों ने मार्च में ए- सेट प्रक्षेपित किया और उसके बाद चंद्रयान-2 छोड़ा।
ए- सेट मिसाइल महज़ तीन मिनट में तीन-सौ किलोमीटर दूर उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हासिल की गई। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत, दुनिया का, चौथा देश बना। भारत ने चंद्रयान – 2 के जरिए श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाए। यह मिशन कई मायनों में विशेष है। इससे चांद के बारे में समझ को और भी स्पष्ट होगी और चाँद के बारे में ज्यादा विस्तार से जानकारियां मिल सकेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान -2 से देश को विश्वास और निर्भीकता मिली हैं। देश को अपनी प्रतिभा और क्षमता पर भरोसा होना चाहिए। यह मिशन पूरी तरह से भारतीय है और पूरी तरह से एक स्वदेशी मिशन है। इस मिशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब बात नए-नए क्षेत्र में कुछ नया कर गुजरने की हो तो भारतीय वैज्ञानिक सर्वश्रेष्ठ हैं। उन्हाेंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय में तकनीकी समस्या को दूर किया और चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया। वैज्ञानिकों की इस महान तपस्या को पूरी दुनिया ने देखा।