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गोल्ड कोस्ट। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ अदालत ने ‘नो नीडल पॉलिसी’ का उल्लंघन करने के मामले में भारतीय मुक्केबाज़ी टीम के डाक्टर को कड़ी फटकार लगाई है।
आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बुधवार से शुरू होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों के लिए यहां पहुंचे भारतीय एथलेटिक्स दल के रिहायशी कम्पाउंड में मुक्केबाज़ों के कमरे के बाहर एक कूड़ेदान में सुई मिलने के बाद डोपिंग का संदेह जताया जा रहा था। हालांकि बाद में भारतीय मुक्केबाज़ों को इन आरोपों से बरी कर दिया गया था।
लेकिन राष्ट्रमंडल खेल अायोजकों ने ‘नो नीडल पॉलिसी’ के तहत इस मामले को मंगलवार सीजीएफ अदालत में भेज दिया था।
सीजीएफ प्रशासन ने मंगलवार को इस मामले में जारी अपने बयान में कहा कि भारतीय मुक्केबाजी टीम के डा. अमोल पाटिल ने एक बीमार मुक्केबाज को विटामिन बी काम्पलैक्स का इंजेक्शन दिया था और इस सिरिंज को कमरे में ही छोड़ दिया जो सीजीएफ के नियमों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहाकि सीजीएफ की अदालत ने अपनी जांच में पाया है कि यह नो नीडल पॉलिसी के नियम एक अौर दो का उल्लंघन है जिसमें डाक्टर ने सिरिंज को कमरे में ही छोड़ दिया जबकि वह इस सुई को नष्ट करने के लिए पॉलिक्लीनिक में मशीन लेने गया था।