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chair of CM not easy to shivraj singh chouhan in madhya pradesh - Sabguru News
होम Madhya Pradesh Bhopal एमपी : शिवराज सिंह चौहान के लिए आसान नहीं होगी सीएम की कुर्सी

एमपी : शिवराज सिंह चौहान के लिए आसान नहीं होगी सीएम की कुर्सी

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एमपी : शिवराज सिंह चौहान के लिए आसान नहीं होगी सीएम की कुर्सी
chair of CM not easy to shivraj singh chouhan in madhya pradesh
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भोपाल। इस समय राजनीतिक पंडितों के जेहन में अब एक ही सवाल हलचल पैदा कर रहा है कि अगर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन होगा? अधिकांश लोग यही सोच रहे होंगे कि एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सीएम की कुर्सी सौंपी जाएगी। लेकिन अब ऐसा नहीं है, परिस्थितियां बदल गई हैं।

भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में लाने के लिए शिवराज सिंह चौहान अपनी पीठ थपथपा रहे हो। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने के बाद समीकरण बदल गए हैं।

भाजपा अगर मान लीजिए एमपी में अपनी सरकार बना ले जाती है तो मुख्यमंत्री की रेस में नरोत्तम मिश्रा भी आगे बताए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगर लोकप्रियता की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान ही अभी नंबर वन नेता माने जाते हैं। लेकिन अब चौहान को नरोत्तम मिश्रा से चुनौती मिलने लगी है।

शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के बीच छत्तीस का आंकड़ा

शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। कई मौके पर दोनों में आपसी अनबन भी खुलकर सामने आ चुकी है। यहां हम आपको बता दें कि नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश के जिले दतिया से भाजपा के विधायक हैं। इससे पहले वे संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा की हुई बैठक में शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के समर्थक खुलकर आमने-सामने आ गए थे।

बताया जाता है कि नरोत्तम समर्थकों ने कांग्रेस में सियासी संकट के दौरान शिवराज की भूमिका को लेकर सवाल भी उठाए थे। इस बीच भोपाल में बीजेपी दफ्तर के पास ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में लगाए गए पोस्टर में नरोत्तम मिश्रा भी नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि महत्वपूर्ण है कि नरोत्तम ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र दतिया से भी संबंध रखते हैं।

भले ही शिवराज चौहान को मध्य प्रदेश में सरकार चलाने का लगभग 15 साल का अनुभव हो, लेकिन मौजूदा समय में नरोत्तम मिश्रा अमित शाह के बहुत करीबी माने जाते हैं और भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी अच्छी पैठ रखते हैं। राज्य में मुख्यमंत्री की रेस को लेकर हालांकि अभी तक भाजपा आलाकमान ने किसी नाम का ऐलान नहीं किया है। मध्य प्रदेश में प्रदेशाध्यक्ष का ताज गोपाल भार्गव के पास है, ये आरएसएस के बहुत करीबी माने जाते हैं।

मध्यप्रदेश में भी भाजपा कर सकती है किसी नए नाम का एलान

भाजपा और आरएसएस अभी तक कई राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर नए-नए प्रयोग करती रही है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा महाराष्ट्र, झारखंड में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर नए चेहरे को लाकर सभी को चौंका दिया था। भाजपा आलाकमान यह भी जानना है कि शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा के खेमे दो गुटों में बंटे हुए हैं। नरोत्तम मिश्रा ब्राह्मण लॉबी में अच्छी पकड़ रखते हैं।

इन दोनों के बीच अनबन को देखते हुए सरकार बनाने की दिशा में भाजपा कोई नया नाम भी ला सकती है। मध्य प्रदेश के ही नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूदा समय में केंद्रीय मंत्री हैं। संभव है कि तोमर कोई मध्य प्रदेश की कमान साैंप दी जाए। नरेंद्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीबी भी माने जाते हैं। तोमर वाला मंत्रालय ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे दिया जाए यह भी संभव है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार