अयोध्या। भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या के चैत्र रामनवमी मेले में आज लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान के लिए डुबकी लगाई।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव पर अयोध्या में दूरदराज से यहां आए लोग सरयू नदी में स्नान करके प्रमुख मंदिरों में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को मनाया। श्रीराम की जन्मस्थली होने के नाते यहाँ श्रीराम का जन्मदिवस भव्य रूप से मनाया गया है। लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाकर मंदिरों में पूजा-अर्चना की।
कनक भवन मंदिर में जन्म के विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। मंदिर में दोपहर के ठीक बारह बजते ही मर्यादा पुरुषोत्तम का सांकेतिक जन्म के बाद पुत्र जन्म के समय गाए जाने वाले सोहर के रूप में भजन और बधाई गीत गाए और उपहार लिए गए।
अवध की संस्कृति के अनुसार बच्चे के जन्म पर किन्नर आते हैं, गीत गाते हैं। बदले में उन्हें उपहार दिया जाता है। सांकेतिक जन्म किये जाने के बाद यहाँ ऐसा लगने लगा कि जैसे पूरी अयोध्या में सबके घर में शिशु जन्म हुआ हो। जन्म के समय से पूर्व ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर अपना-अपना स्थान बनाने लगते हैं।
सिर पर गठरी, कंधे पर बच्चा लिये दूरदराज के ग्रामीण अंचलों से आने वाले श्रद्धालु प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर, नागेश्वरनाथ मंदिर और विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन करना नहीं भूलते।
इस बार हनुमानगढ़ी मंदिर पर श्रद्धालुओं से होने वाले फिसलन को रोकने के लिये फर्श एवं सीढिय़ों पर बालू का छिड़काव किया गया है। मेले में श्रद्धालुओं ने गत रात करीब दो बजे से सरयू स्नान करना प्रारम्भ कर दिया था।
अपर जिलाधिकारी नगर एवं मेलाधिकारी विंध्यवासिनी राय एवं पुलिस अधीक्षक नगर अनिल कुमार सिंह सिसौदिया ने संयुक्त रूप से बताया कि मेले में लगभग तीस लाख श्रद्धालुओं ने रविवार को पवित्र सरयू नदी में स्नान कर यहाँ के प्रमुख मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की। मेले के दौरान प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर, नागेश्वरनाथ मंदिर और कनक भवन मंदिर में ही लगभग पन्द्रह लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने की संभावना है।
राय ने बताया कि मेले के दौरान विवादित परिसर श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन के लिये भीड़ काफी थी। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। मेले के दौरान हल्की गाडिय़ों पर भी अयोध्या मेला क्षेत्र में प्रतिबंध लगाया गया है।
इस बार मेले में सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर विशेष व्यवस्था के बीच श्रद्धालु स्नान कर रहे है। यहां खोया-पाया कैम्प भी स्थापित किया गया है जिसके जरिये कई हजार बिछड़े श्रद्धालुओं को आपस में मिलाया गया जिसमें बच्चे व बुढ्ढों की संख्या अधिक बतायी जाती है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी अनिल कुमार पाठक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष सिंह बघेल ने मेले के कंट्रोल रूम में बैठ कर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से पूरे मेले में व्यवस्था का जायजा ले रहे है। उन्होंने बताया अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।