देश का चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव से उतरने से कुछ सेकंड पहले असफल हो गया। चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से अंतिम क्षणों में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। वहीं ISRO के अधिकारियों के अनुसार, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पूरी तरह सुरक्षित और सही है। लेकिन आपको बता दें, 1958 से 2019 तक 60 सालों में 40 फीसदी चंद्र मिशन फेल हुए है।
भारत एक अकेला देश नहीं है जो चंद्र मिशन में फेल हुआ हो। भारत के अलावा मेरिका, यूएसएसआर (रूस), जापान, यूरोपीय संघ, चीन जैसे देश भी असफल हुए है। सबसे पहले चंद्र अभियान की योजना अमेरिका ने 17 अगस्त, 1958 में बनाई थी, लेकिन पाइनियर का लॉन्च असफल रहा।
इसके बाद 1958 से 1959 के दौरान अमेरिका और यूएसएसआर ने 14 अभियान शुरू किए। इनमें से सिर्फ 3- लूना 1, लूना 2 और लूना 3- सफल हुए। इसके बाद जुलाई 1964 में छठे चंद्र मिशन में सफलता मिली, जिसने पहली बार चंद्रमा की नजदीक से तस्वीर ली। रूस द्वारा जनवरी 1966 में शुरू किए गए लूना 9 मिशन ने पहली बार चंद्रमा की सतह को छुआ और इसके साथ ही पहली बार चंद्रमा की सतह से तस्वीर मिली।
अमेरिका ने रखा पहला कदम
अमेरिका का अपोलो 11 अभियान एक लैंडमार्क मिशन था, जिसके जरिए इंसान के पहले कदम चांद पर पड़े। तीन सदस्यों वाले इस अभियान दल की अगुवाई नील आर्मस्ट्रांग ने की थी। 1958 से 1979 तक केवल अमेरिका और USSR ने ही चंद्र मिशन शुरू किए। इन 21 सालो में दोनों देशों ने 90 अभियान शुरू किए। इसके बाद जपान, यूरोपीय संघ, चीन, भारत और इजरायल ने भी चाँद की तरफ कदम बढ़ाया।