भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस अनुसंधान केन्द्र) (ISRO) के द्वारा छोड़े गए चन्द्रयान-2 (Chandrayaan 2 mission) का चांद पहुचने से ठीक पहले सम्पर्क छूट गया था। उसके लिए भारतीय अन्तरिक्ष एजेंसी द्वारा चन्द्रयान-2 के विक्रम (Vikram Lander) से सम्पर्क बनाने का प्रयास लगातार जारी है।
इसमें आज दिन इसरो (Indian Space Research Organisation (ISRO) के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। ऐसा इसलिए है कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) इसरो की सहायता के अपने डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर्स से लगातार चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और लैंडर से संपर्क बनाए हुए हैं।
आपको बता दें कि आज नासा (National Aeronautics and Space Administration) अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के जरिए चांद के उस हिस्से की तस्वीरें भी लेगा, जहां विक्रम लैंडर गिरा हुआ है। मंगलवार को नासा का LRO चांद के उस हिस्से से गुजरेगा जहां विक्रम लैंडर है।
नासा का लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर विक्रम लैंडर के बारे में आज नई जानकारी प्राप्त हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, चांद पर शाम के समय LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें तो लेगा। लेकिन इसके द्वारा ली जाने वाली तस्वीरें कितनी साफ या स्पष्ट आएगी इसकी को गारंटी नहीं है।
ऐसे में चांद की सतह पर मौजूद किसी भी वस्तु की स्पष्ट तस्वीरें लेना चुनौतीपूर्ण काम होगा। लेकिन जो भी तस्वीरें आएंगी उन्हें हम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो से साझा करेंगे।
अमरीकी खगोलविद स्कॉट टायली ने लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद कहा था कि उससे संपर्क स्थापित हो सकता है। लेकिन अब वे भी यह कह रहे हैं कि विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है। जबकि ऑर्बिटर लगातार उसे भेजे गए संदेशों का जवाब दे रहा है।
बता दें कि स्कॉट टायली ने 2018 में अमरीकी के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था। यह सैटेलाइट नासा ने 2000 में लॉन्च की थी जिसके पांच साल बाद इससे संपर्क टूट गया था।