चेन्नई। चंद्रयान-2 ने सोमवार को पृथ्वी की कक्षा तीसरी बार सफलतापूर्वक बदली है। इसके साथ ही चंद्रयान-2 च्रंदमा में पहुंचने से अब सिर्फ तीन कदम दूर रह गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने ट्वीट कर कहा कि आज तीसरी बार कक्षा बदलने के साथ ही अब हमारा चंद्रयान चंद्रमा से अब तीन कदम दूर है। चंद्रयान-2 ने सोमवार को दोपहर तीन बजकर 12 मिनट पर तीसरी बार सफलतापूर्व कक्षा बदली है।
इससे पहले 24 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे पहली बार यान की कक्षा बदली गई थी जबकि 27 जुलाई को चंद्रयान-2 की कक्षा दूसरी बार बदली गई थी।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान के सभी पैरामीटर सही ढ़ग के काम कर रहे है। चंद्रयान-2 को अब दो अगस्त को दोपहर दो से तीन बजे के बीच चौथी बार अपनी कक्षा बदलनी है।
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2, 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ था। प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद ही यान सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया था।
चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं जो 48 दिन में तीन लाख 844 किमी की यात्रा पूरी कर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा।
चंद्रयान-2 में 13 भारतीय पेलोड्स है जो आठ ऑर्बिटर, तीन लैंडर और दो रोवर में हैं। चंद्रयान-2 प्रक्षेपण के तीन सप्ताह बाद सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा और चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और लैंडर के बीच कम्युनिकेशन करना है।
नई समयावधि के अनुसार पृथ्वी-बद्ध चरण में वृद्धि हुई है। यह छह दिन से लेकर 23 दिन हो गयी है जो पहले 17 दिन थी। पुराने कार्यक्रम के तहत, लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (एलओआई) 22वें दिन होने वाला था लेकिन अब यह 30वें दिन होगा।
लूनर बाउंड फेज जिसे पहले 28 दिन में होना था वह 13 दिन बढ़कर 30 से लेकर 42वें दिन में होगा। लैंडर-ऑर्बिटर को 43वें दिन अलग किया जाएगा जबकि डी बूस्टिंग की शुरुआत 44वें दिन की जाएगी।