भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए आज का दिन बेहद खास है। आज यानी मंगलवार को Chandrayaan-2 ने चांद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है। इसरो वैज्ञानिकों ने सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच चंद्रयान-2 को चांद की कक्षा LBN#1 में प्रवेश कराया। इसके बाद 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चाँद पर ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज करेगा।
वहीं चंद्रयान-2, अब 118 किमी की एपोजी (चांद से कम दूरी) और 18078 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) वाली अंडाकार कक्षा में अगले 24 घंटे तक चक्कर लगाएगा। इस दौरान चंद्रयान-2 की गति धीमी कर दी गई। चंद्रयान-2 की 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया। मतलब गति में 90 फीसदी की कमी की गई। क्योकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से न टकरा जाए।
इसरो के पूर्व चीफ किरण कुमार ने जानकारी में बताया, ‘चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव 65000 किमी तक है जिसका मतलब है कि उस दूरी तक वह स्पेस बॉडी को खींच सकता है। इस दौरान हम चंद्रयान-2 को महत्वपूर्ण वेग प्रदान करेंगे जिससे चंद्रयान-2 अपनी गति को कम करके दिशा में बदलाव करके चंद्रमा की कक्षा में आसानी से प्रवेश कर सकेगा। इस समय अगर वेग ज्यादा होगा तो स्पेसक्राफ्ट चांद से दूर चला जाएगा।’