चेन्नई। भारत का महान गौरव चंद्रयान-3 लगातार सफलतापूर्ण कदम बढ़ा रहा है और ‘प्रज्ञान’ रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर शुक्रवार को आठ मीटर तक सफलतापूर्वक चहलकदमी की।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज शाम एक बयान जारी करके बताया कि रोवर ने सारी गतिविधियां नियोजित तरीके से की। लैंडर मॉडयूल (एलएम), प्रॉपल्शन माॅडयूल (पीएम) और रोवर सभी बिल्कुल ठीक तरह से काम कर रहे हैं।
चंद्रयान-3 मिशन पर एक अपडेट में इसरो ने कहा कि रोवर की सभी पहले से ही तय गतिविधियों को सत्यापित कर लिया गया है। रोवर ने लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। रोवर पेलोड एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं । पीएम, एलएम और रोवर पर सभी पेलोड सामन्य रूप से काम कर रहे हैं।
इसरो ने बताया कि रोवर को लैंडर विक्रम से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दो खंड वाले रैंप को तैयार किया गया था। इस रैंप की मदद से रोवर को सुरक्षित चंद्रमा की सतह पर उतारा गया और रोवर पर लगे सौर पैनल ने उसे बिजली उत्पन्न करने में सक्षम बनाया। रोवर को बाहर निकालने से पहले रैंप और सोलर पैनल का एक वीडियो भी जारी किया गया। चंद्रयान-3 में तैनात किए गए कुल 26 तंत्र यूआरराव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी)/इसरो, बेंगलूरु में विकसित किए गए थे।
एलएम ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग की, जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। लैंडिंग के कारण उड़ी धूल के बैठने के कुछ घंटों बाद रोवर को भी बाहर निकाला गया। इसरो ने बयान में कहा कि रोवर, लैंडर से बाहर निकला और उसने चांद की सतह पर चहलकदमी की।