उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासन का नया सिस्टम लागू कर दिया है। प्रदेश में पिछले कुछ समय से बढ़ते अपराध पर विरोधियों के निशाने पर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किरकिरी का सामना करना पड़ा था। अब योगी ने सिस्टम को सुधारने के लिए कमर कस ली है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सोमवार को कैबिनेट ने लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर सिस्टम को मंजूरी दी है।
यानी अब इन दो शहरों में पुलिस कमिश्ननर होंगे, अभी तक उत्तर प्रदेश में किसी भी शहर में ऐसा सिस्टम नहीं था। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी पोल खोल कर रख दी थी। अब यह नया सिस्टम लागू होने से देखना होगा कि अपराधों को रोकने में कितना कारगर साबित होगा।
प्रदेश में कानून-व्यवस्था होगी बेहतर
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के अंदर सुरक्षा, कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति के लिए इस कदम को उठाया गया है। हमने कई एक्सपर्ट के साथ बात कर, विचार करने के बाद इस सिस्टम को लागू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में करीब 40 लाख की आबादी है, जबकि नोएडा में 25 लाख से अधिक लोग रहते हैं ऐसे में यहां पर पुलिस सिस्टम को बेहतर करना जरूरी है।
इस प्रकार होगा यूपी का नया सिस्टम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस नियम के तहत एडीजी स्तर का अधिकारी पुलिस आयुक्त बनेगा, साथ ही आईजी रैंक के दो अधिकारी शामिल होंगे जो ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर होंगे। ये आईजी एक लॉ एंड ऑर्डर के लिए और दूसरे क्राइम के लिए होंगे। इस सिस्टम में एसपी रैंक के कुल 9 अधिकारी तैनात किए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से प्रदेश में कई आपराधिक घटनाओं से योगी सरकार की छवि धूमिल हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने ने यह नया सिस्टम लागू किया है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी बनी रणनीति
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला एसपी और एडिशनल एसपी को तैनात किया जाएगा। इससे महिलाओं की सुरक्षा को रोकने के लिए मदद मिलेगी। इनके अलावा यातायात पुलिस के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था को लागू किया जाएगा, जिसमें एसपी रैंक के अधिकारी को तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि कानून व्यवस्था को लेकर कई बार उत्तर प्रदेश पुलिस विरोधियों के निशाने पर आती रही है, इतना ही नहीं कई बार अदालत की तरफ से भी यूपी सरकार को फटकार लग चुकी है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार