देहरादून। वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरागत पूजा-अर्चना के साथ बुधवार को उत्तराखण्ड स्थित विश्व विख्यात गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही राज्य की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा शुरू हो गई।
गंगोत्री के कपाट दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर और यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए। दोनों धामों के कपाट खुलने के बाद चारधाम यात्रा का भी विधिवत शुभारंभ हो गया है।
बुधवार पवित्र वैसाख मास की अक्षय तृतीया तिथि की सुबह आठ बजे मां गंगा की डोली भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। सुबह 10 बजे डोली यात्रा गंगोत्री धाम पहुंची। जहां गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों सहित जिले एवं देशभर से आए तीर्थ पुरोहितों ने मां गंगा का भव्य स्वागत किया।
धार्मिक रीति रिवाज के दो घंटे तक मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए।
इस मौके पर गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत, जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं पंच गंगोत्री मंदिर समिति के सदस्य एवं पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
इसके साथ बुधवार को ही मां यमुना की डोली उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव महाराज की अगुवाई में सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई, जो 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। विधिवत पूजा अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
इस अवसर पर यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल, एसडीएम पीएस राणा और वागेश्वर सेमवाल आदि उपस्थित रहे।