चेन्नई। केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के दो शाखा प्रबंधकों और 45 अन्य लोगों को बैंक से धोखाधड़ी मामले में चार वर्ष के लिए सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
सीबीआई के मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश एस. जवाहर ने 45 अन्य लोगों के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधकों वी. कन्नन और जी. कासिनाथन को दोषी ठहराया और उन पर 10,04,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
चेन्नई की सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की तिरुवनानमलई शाखा के दोनों प्रबंधक एवं अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एक मामले की जांच में पाया कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार ट्रैक्टर एवं पावर टिलर्स खरीदने के लिए ऋण एवं कृषि ऋण का लाभ उठाने के लिए फसल ऋण लिया और बैंक ने बिना मानदंडों के पालन किए 91.30 लाख रुपए का ऋण उन्हें दे दिया। दोनों ने बैंक को 91,30,634 रुपए का नुकसान पहुंचाया है।
सीबीआई ने जांच पूरी होने के बाद एक चार्जशीट दायर की गई जिसमें उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 467, 468, 471 और 477-ए और भ्रष्टचार निरोधक कानून 1988 की 13 (1) (सी) और (डी) के साथ-साथ धारा 13 (2) के तहत अपराध तय किये।
सुनवाई पूरी होने पर कन्नन और कासिनाथन के अलवा अन्य 45 लोगों को अदालत ने मंगलवार को दोषी ठहराया।