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कोनेरू हम्पी बनीं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर - Sabguru News
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कोनेरू हम्पी बनीं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर

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कोनेरू हम्पी बनीं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर
Chess player Koneru Humpy becomes BBC Indian Sportswoman of the Year
Chess player Koneru Humpy becomes BBC Indian Sportswoman of the Year
Chess player Koneru Humpy becomes BBC Indian Sportswoman of the Year

नई दिल्ली। भारत की स्टार महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमैन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड के दूसरे संस्करण की विजेता बन गयी हैं।

महिला वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियन हम्पी को पब्लिक वोटिंग के आधार पर विजेता घोषित किया गया। हम्पी ने इस पुरस्कार की होड़ में फर्राटा धाविका दुती चंद, युवा निशानेबाज मनु भाकर, पहलवान विनेश फोगाट और भारतीय महिला हॉकी टीम की मौजूदा कप्तान रानी रामपाल को पराजित किया।

जाने-माने खेल पत्रकारों और विशेषज्ञों की जूरी ने इस अवॉर्ड के लिए इन पांच भारतीय महिला खिलाड़ियों को नामित किया था। बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमैन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड की शुरुआत 2019 में हुई थी ताकि देश की सबसे अच्छी महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा सके और भारत में महिला खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्दों को सामने लाया जा सके।

बीबीसी ने वर्चुअल पुरस्कार समारोह कर विजेता को चुना। इस समारोह का प्रसारण आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किया गया था। बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने वर्चुअल अवॉर्ड समारोह की मेज़बानी की और विजेता के रूप में हम्पी के नाम का ऐलान किया। हम्पी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस समारोह से जुड़ी हुई थीं।

कोनेरू हम्पी वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप की मौजूदा विजेता हैं। यह ख़िताब उन्होंने साल 2019 में दो साल के मातृत्व अवकाश के बाद जीता था। इसके साथ ही वो केयर्न्स कप 2020 की भी विजेता है।

अपने नाम की घोषणा होने के बाद बेहद खुश दिखाई दे रहीं हम्पी ने कहा, यह अवॉर्ड बेहद क़ीमती है, न सिर्फ़ मेरे लिए बल्कि शतरंज से जुड़ी पूरी बिरादरी के लिए। शतरंज एक इनडोर गेम है इसलिए भारत में क्रिकेट की तरह इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस अवॉर्ड के बाद शतरंज की ओर लोगों का ध्यान जाएगा।

हम्पी ने नई महिला खिलाड़ियों को सलाह देते हुए कहा कि बिना परिणाम की चिंता किए सिर्फ़ खेल का आनंद लीजिए। उन्होंने कहा, इसे अंत तक ले जाने की कोशिश करिए और ख़ुद पर विश्वास रखिए। आपको आपना सम्मान और पहचान ख़ुद बनानी होती है, आत्मविश्वास बनाए रखिए और लक्ष्य साधे रखिए।

कोनेरू हम्पी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था। अभी वह विजयवाड़ा में रहती हैं। हम्पी की शतरंज प्रतिभा को उनके पिता ने बचपन में ही पहचान लिया था। साल 2002 में 15 साल की उम्र में ही ग्रैंड मास्टर बनकर उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित कर दी थी।यह एक रिकॉर्ड था, जिसे 2008 में चीन की हाउ यीफैन ने तोड़ा।

हम्पी ने चैंपियन के रूप में अपने सफर को याद करते हुए कहा, मुझे लगता है कि मैं वर्षों तक इसलिए जीतती रही क्योंकि मेरे अंदर इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास है। एक महिला खिलाड़ी को कभी भी अपना खेल छोड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। शादी और मातृत्व सिर्फ़ ज़िंदगी का एक हिस्सा हैं, इसके लिए महिला खिलाड़ियों को अपनी ज़िंदगी की धारा नहीं मोड़ देनी चाहिए।

बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने कहा, इस साल का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमैन अवॉर्ड जीतने के लिए कोनेरू हम्पी को बहुत बधाई। कोनेरू ने शतरंज को अपना शानदार योगदान दिया है और वह तारीफ़ की वास्तविक हक़दार हैं। मुझे ख़ुशी है कि बीबीसी भारतीय महिला खिलाड़ियों की सफलता को मान्यता देने के काम की अगुआई कर रहा है।

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नई दिल्ली में आयोजित हुई इस वर्चुअल अवॉर्ड नाइट में बीबीसी की डायरेक्टर ऑफ़ न्यूज़ फ्रैन अन्सवर्थ ने भी शिरकत की। उन्होंने दूसरे बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमैन अवॉर्ड समारोह का हिस्सा बनने पर ख़ुशी जताई।

उन्होंने बताया कि पहली बार आयोजित बीबीसी स्पोर्ट्स हैकाथॉन का नतीजा देखना शानदार था। इसके तहत 18 फ़रवरी को विकिपीडिया में सात भाषाओं में 50 भारतीय महिला खिलाड़ियों की खेल यात्रा पर 300 एंट्री जोड़ी गई थी। यह बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड का स्पेशल फ़ीचर था।

वर्चुअल समारोह में चार बार की पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियन पारुल परमार ने भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। उनके अलावा माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वालीं पहली महिला संतोष यादव भी इस समारोह में वर्चुअली शामिल हुईं।

इस बार के सीज़न में पांच भारतीय महिला खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियां भी शामिल थीं जिन्होंने सभी मुश्किलों को पार पाकर कामयाबी हासिल की। इस ‘चेंजमेकर’ नामक सिरीज़ में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल परमार, हेप्टाथलीट स्वप्ना बर्मन, पैरा स्केटर प्रियंका दीवान, पूर्व खो-खो खिलाड़ी सारिका काले और कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरन की कहानियां शामिल थीं।