लखनऊ। पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अनुबंध के दायरे से बाहर रखने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए शनिवार को कहा कि दोष साबित हुए बिना किसी भी आरोपी के लिए सजा तय करना सरासर नाइंसाफी होगी।
उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री चौहान ने कहा कि बीसीसीआई इस मामले में जल्दबाजी न करे। वैसे भी, जब तक दोष साबित न हो जाए किसी आरोपी के खिलाफ सजा की घोषणा नहीं की जा सकती। बीसीसीआई को मौका देना चाहिए ताकि शमी के परिवार में समझौते की गुंजाईश बढ़े।
बीबी से पंगे के बाद मोहम्मद शमी के IPL में खेलने पर संकट
अपनी ही पत्नी के चंगुल में फंसते जा रहे भारतीय क्रिकेटर शमी
खेल मंत्री ने कहा कि बीसीसीआई ने जल्दबाजी आैर भावुकता में फैसला किया है। इस पर उसे पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है। पुलिस को भी समझौते के आधार पर इस मामले को खत्म करवाना चाहिए। कई बार गलतफहमियों में भी मतभेद पैदा हो जाते हैं।
पूर्व क्रिकेटर ने साथ ही कहा कि अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के खिलाफ साजिश भी होती रहती है। शमी अच्छे खिलाड़ी हैं। भारतीय टीम के लिए वह कुछ करने की स्थिति में हैं। उनका मामला शांतिपूर्ण ढंग से हल हो जाएगा तो भारतीय क्रिकेट के साथ ही उनके परिवार का भी भला होगा।
गौरतलब है कि शमी की पत्नी हसीन जहां ने शमी पर संगीन आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कोलकाता के स्थानीय पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को एफआईआर भी दर्ज कराई थी जिसपर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें क्रिकेटराें की अनुबंध सूची से बाहर कर दिया है। इसकी वजह से आईपीएल में भी उनके खेलने पर सवालिया निशान लग गया है।