पटना। बिहार में सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया। लोकआस्था के महापर्व छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया। परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित(पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है।
महापर्व छठ के दूसरे दिन महिला एवं पुरुष व्रती कल एक बार फिर नदियों, तालाबों में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खायेंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा।
इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी अस्त हो रहे सूर्य को फल और कंद मूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन नदियों और तालाबों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जायेगा। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न-जल ग्रहण करते हैं।
राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में सरकार ने छठ पर्व को लेकर मुख्य सड़कों और घाटों के सम्पर्क पथ पर निर्बाध विद्युत व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया है। वहीं, अग्निशमन दस्ते और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारियों को भी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने का आदेश दिया गया है।
पटना में छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों को साफ सुथरा और सजाने के काम में विभिन्न इलाकों की छठ पूजा समितियां और स्वयं सेवक लगातार लगे हुए हैं। साथ ही गंगा नदी की ओर जाने वाले मार्गों पर तोरण द्वारा बनाए जा रहे हैं और पूरे मार्ग को रंगीन बल्बों से सजाया जा रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।उन्होंने कहा कि लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदयीमान भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पित करते हैं।
उन्होंने लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द्र के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने राज्यवासियों से अपील की है कि वे इस महापर्व को मिल-जुलकर आपसी प्रेम, पारस्परिक सदभाव और शांति के साथ मनाएं।