रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त देते हुए कांग्रेस ने दो तिहाई से अधिक बहुमत से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। राज्य की कुल 90 सीटों में से कांग्रेस ने 67 सीटों पर जीत दर्ज कर दो तिहाई से अधिक का बहुमत हासिल कर लिया है।
भारतीय जनता पार्टी को इस चुनावों में करारा झटका लगा है। उसे महज 15 सीटे हासिल हुई है।नवगठित जनता कांग्रेस बसपा गठबंधन ने छह सीटे हासिल की है। अभी भी दो सीटों के परिणाम नहीं आए हैं लेकिन इनके परिणाम किसी के भी पक्ष में जाएं इससे कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में कोई असर नहीं होने वाला है।
कांग्रेस के पक्ष में इस जबर्दस्त लहर में भाजपा का लगभग सुपड़ा साफ हो गया। छत्तीसगढ़ के आस्तित्व में आने के बाद यह पहला मौका है जबकि किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए दो तिहाई से अधिक बहुमत हासिल हुआ है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में पार्टी की जीत के लिए 65 सीटों का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसके उलट कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अप्रत्याशित रूप से 67 सीटें हासिल कर इतिहास रच दिया।
कांग्रेस की इस सुनामी में आठ मंत्री चुनाव हार गए। चुनाव हारने वालों मंत्रियों में अमर अग्रवाल बिलासपुर सीट से, दयालदास बघेल नवागढ़ सीट से, भैयालाल रजवाड़े बैकुंठपुर सीट से राजेश मूणत रायपुर पश्चिम सीट से मंत्री महेश गागड़ा बीजापुर सीट से, मंत्री केदार कश्यप नारायणपुर सीट से, मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय भिलाई नगर सीट से तथा रामसेवक पैकरा प्रतापपुर से शामिल है।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे नेता चुनाव जीत चुके हैं। इनमें टीएस सिंहदेव ने अम्बिकापुर सीट से, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पाटन से, प्रदेश कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने सक्ती सीट एवं कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ताम्रध्वज साहू ने दुर्ग ग्रामीण सीट से जीत दर्ज की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने रायपुर ग्रामीण सीट से, डा.शिव डहरिया ने आरंग सीट से तथा मोहम्मद अकबर ने कवर्धा सीट से जीत हासिल की है।
कांग्रेस के धनेन्द्र साहू ने अभनपुर सीट से, रामनुजगंज सीट से वृहस्पति सिंह ने, रेखचन्द्र जैन ने जगदलपुर सीट से, चिन्तामणि महराज ने सामरी सीट से, अमरजीत भगत ने सीतापुर सीट से, दीपक बैज ने चित्रकोट सीट से, कवासी लकमा ने कोन्टा सीट से, लुन्ड्रा से डा.प्रीतम राम, लालजी राठिया ने धर्मजयगढ़ से, पुरूषोतम कंवर ने कटघोरा से तथा राजिम से अमितेश शुक्ला ने, खरसिया से उमेश पटेल,संजारी बालोद से संगीता सिन्हा ने जीत दर्ज की है।
कांग्रेस के नारायण कश्यप ने नारायणपुर सीट से, गुन्डरदेही से कुंवर निषाद, भिलाई नगर से देवेन्द्र यादव ने, भरतपुर सोनहत सीट से गुलाब कमरो ने, डौडी लोहारा सीट से अनिला भेडिया तथा रायपुर पश्चिम सीट से विकास उपाध्याय से जीत दर्ज की है। कसडोल सीट पर कांग्रेस की शकुन्तला साहू ने विधानसभा अध्यक्ष भाजपा के गौरीशंकर अग्रवाल को शिकस्त दी।
मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राजनांदगांव सीट से, रायपुर दक्षिण से मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से, मंत्री अजय चन्द्राकर ने कुरूद से, भाटापारा से शिवरतन शर्मा ने, बैशाली नगर सीट से भाजपा के विद्यारतन भसीन, रामपुर सीट से पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने, भाजपा के डमरूधर पुजारी ने बिन्द्रानवागढ़ सीट से तथा बेलतरा सीट से रजनीश सिंह ने जीत दर्ज की है। जनता कांग्रेस की डा.रेणु जोगी ने कोटा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जनता कांग्रेस के अजीत जोगी ने मरवाही सीट,इसी पार्टी के बलौदा बाजार सीट से प्रमोद शर्मा ने जीत दर्ज की है।
जनता कांग्रेस के अजीत जोगी ने मरवाही ने, डा.रेणु जोगी ने कोटा सीट से, लोरमी से धर्मजीत सिंह ने, बलौदा बाजार सीट से प्रमोद शर्मा ने तथा बसपा के केशव चन्द्रा ने जैजेपुर सीट से एवं इन्दू बंजारे ने पामगढ़ सीट से जीत दर्ज की है।
चुनाव हारने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की भतीजी कांग्रेस उम्मीदवार करूणा शुक्ला राजनांदगांव सीट से, झीरम घाटी नक्सल हमले में मारे गए वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा की पत्नी कांग्रेस की रेवती कर्मा दंतेवाड़ा सीट से, छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं भाजपा उम्मीदवार चन्द्रशेखर साहू अभनपुर सीट से, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष एवं भाजपा उम्मीदवार देवजी भाई पटेल धरसीवा से, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने वाले ओपी चौधरी खरसिया सीट से शामिल है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी थी। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया के अनुसार नवनिर्वाचित विधायकों की गुरूवार को सुबह बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर रायशुमारी की जाएगी। इस बैठक में पार्टी के केन्द्रीय पर्यवेक्षक लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़के शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश को विभाजित कर 2000 आस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में पहली बार राज्य गठन के साथ ही कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन इनके लिए चुनाव 1998 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए हुए थे। राज्य गठन के बाद पहला चुनाव 2003 में हुआ जिसमें भाजपा को जीत हासिल हुई थी। राज्य गठन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है जिसमें कांग्रेस ने दो तिहाई हासिल कर इतिहास रच दिया है।
रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार की नैतिक जिम्मेदारी ली