रायपुर। सामाजिक द्देष फैलाने के आरोप में गिरफ्तार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नन्द कुमार बघेल को रायपुर की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में आज जेल भेज दिया।
राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाने में गत 5 सितम्बर को ब्राह्मण समाज दो लोगो ने मुख्यमंत्री के पिता नन्द कुमार बघेल के खिलाफ उनके ब्राह्मणों के खिलाफ दिए बयान की वायरल हो रहे वीडियो का हवाला देते हुए धारा 153(ए) एवं धारा 505 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। उन पर समुदायों के बीच जानबूझकर सामाजिक द्धेष फैलाने तथा समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा एवं वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने का आऱोप है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रायपुर पुलिस उत्तरप्रदेश के आगरा में गिरफ्तार कर आज रायपुर पहुंची और उन्हे एक स्थानीय अदालत में पेश किया। बघेल ने जमानत के लिए आवेदन नही किया जिसके बाद अदालत ने उन्हे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में (21 सितम्बर तक) जेल भेजने का आदेश दिया।
इस आदेश के बाद उन्हे रायपुर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया।श्री बघेल लगभग 86 वर्ष के हैं।वह इन दिनों उत्तरप्रदेश के दौरे पर थे और उऩ्होने लखऩऊ में पिछले दिनों ब्राह्मणों के खिलाफ विवादित बयान दिया था।
पुलिस ने इस मामले में आवेदन ले लिया था लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी। जिस पर इसे सोशल मीडिया में वायरल किया गया था। इसकी जानकारी होने पर मुख्यमंत्री बघेल ने सार्वजनिक बयान जारी कर कहा कि उनके पिता नंदकुमार बघेल द्वारा एक वर्ग विशेष के विरूद्ध की गई टिप्पणी से सामाजिक सदभाव को ठेस लगी है उनके इस बयान से मुझे भी दुःख हुआ है..।
उन्होंने कहा कि मुझे सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से यह ज्ञात हुआ कि ये बात कही जा रही है कि मेरे पिता होने के नाते उऩ पर कार्रवाई नही होंगी। वह स्पष्ट कर देना चाहते है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। उनकी सरकार सभी को एक ही दृष्टि से देखती है।
उन्होंने कहा था कि पिताजी से उनके वैचारिक मतभेद शुरू से हैं ये बात सभी को पता है। हमारे राजनीतिक विचार एवं मान्यताएं भी बिल्कुल अलग अलग हैं। एक पुत्र के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को माफ नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो।
उनकी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के 86 साल के पिता ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में पुलिस द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।