रायपुर । छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो तिहाई से बहुमत मिलने के लगभग साफ संकेतों के बाद मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालने वाले भूपेश बघेल के साथ ही नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव एवं कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष डा.चरणदास महंत मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सबसे आगे है।
बघेल ने पिछले लगभग पांच वर्ष भाजपा सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष किया,जिसके चलते उन्हे काफी उत्पीड़न का भी शिकार होना पड़ा।उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से तमाम मामले दर्ज किए गए।राज्य के चर्चित सीडी कांड में उन्हे जेल भी जाना पड़ा।इसके बावजूद उन्होने राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने का प्रयास किया। बघेल अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार एवं छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी सरकार में मंत्री रह चुके है।
नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव ने चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले तक काफी समन्वय से श्री बघेल के साथ काम किया और संघर्ष में उनके साथ रहे।अन्तिम समय में दोनो के बीच थोड़े खटास की खबरें आती रही है।श्री बघेल के बाद वह मुख्यमंत्री के प्रमुख दावेदार है।इस पद के तीसरे प्रमुख दावेदार पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा.चरणदास महंत है।वह मध्यप्रदेश में लम्बे समय तक मंत्री रह चुके है।उन्हे सौभ्य एवं सभी को साथ लेकर चलने वाला नेता माना जाता है।
इसके अलावा दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस कार्यसमिति को सदस्य सांसद ताम्रध्वज साहू भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे है।नामांकन के अन्तिम समय में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर उन्होने दुर्ग ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा।मुख्यमंत्री पद के सभी चारों दावेदारों ने चुनाव लड़ा है और चुनाव भी जीते है।
पार्टी के राज्य प्रभारी पी.एल.पुनिया के अनुसार पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की राय लेने के बाद पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगा।उन्होने कहा कि इस पद को लेकर पार्टी में कोई समस्या नही है।