भोपाल। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से दो माह पहले निर्वाचित हुए कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इसे स्वीकार कर लिया है।
प्रजापति ने पंद्रहवीं विधानसभा के दूसरे सत्र की समाप्ति के कुछ समय पहले गुरुवार को सदन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सक्सेना ने कल त्यागपत्र दिया और इसे स्वीकार कर लिया गया है। अब यह सीट रिक्त मानी जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब इस संबंध में विधिवत सूचना निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही है। औपचारिक तौर पर छिंदवाड़ा सीट को रिक्त घोषित करने और उपचुनाव कराने संबंधी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग ही करेगा।
दिसंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में सामने आयी थी और सत्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ ने शपथ ली थी। चुनाव में इसके अलावा भाजपा को 109 सीटे मिलीं। दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में शेष सात सीट बसपा, सपा और निर्दलीयों के खाते में गई।
कमलनाथ वर्तमान में छिंदवाड़ा संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। नियमों के अनुसार मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ को छह माह के अंदर विधानसभा में विधायक के रूप में पहुंचना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री के नजदीकी माने जाने वाले सक्सेना का विधायक पद से त्यागपत्र इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ही छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होगा और कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर यहां से उपचुनाव लड़ेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वे चार दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं और केंद्रीय स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में पंद्रह वर्षों बाद लगभग सवा दो माह पहले सरकार बनाई है।