बेंगलुरु । वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ओर से किये गये राफेल विमान साैदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किये जाने की मांग की और कहा कि अगर सरकार यह मांग पूरी नहीं करती है तो 2019 लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नयी सरकार यह काम करेगी।
चिदम्बरम ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि राजग सरकार ने भारतीय वायुसेना की लड़ाकू विमानों की जरूरत को दरकिनार करते हुए महज 36 लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया। इसके अलावा फ्रांसीसी कंंपनी डसाल्ट एविएशन के साथ मिलकर लड़ाकू विमान बनाने के लिए सरकारी उपक्रम हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के दावे को भी नकार दिया गया।
उन्होंने कहा कि राफेल सौदा हाल में पांच राज्यों में संपन्न चुनाव में प्रमुख मुद्दों में से एक रहा और भाजपा को सबक भी दिया गया। उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव भी इसी मुद्दे पर लड़ा जायेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वायुसेना अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाना चाहती है और उसे 42 स्क्वाड्रन लडाकू विमानों की दरकार है लेकिन उसके पास ऐसे 31 विमान ही हैं। अगर 36 राफेल मिलते हैं तो भी उसके पास दो स्क्वाड्रन ही और मिलेंगे।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार अच्छा सौदा करना चाहती है तो उसने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में किये गये सौदे को क्यों जारी नहीं रखा गया और वास्तविक सौदे के मुताबिक सभी 126 लड़ाकू विमान के आर्डर क्यों नहीं दिये गये।